आकाश दीप की गेंदबाजी में छिपी है बहन की प्रेरणा: एक भावुक कहानी
आकाश दीप की शानदार गेंदबाजी और पारिवारिक संघर्ष
भारतीय तेज गेंदबाज आकाश दीप ने एजबेस्टन में इंग्लैंड के खिलाफ अपने शानदार प्रदर्शन से सबका ध्यान आकर्षित किया। लेकिन इस जीत के पीछे एक दिल को छू लेने वाली पारिवारिक कहानी भी है। आकाश ने अपनी बहन अखंड ज्योति सिंह को समर्पित किया, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं।
देश के लिए खेलो, मेरी चिंता मत करो
ज्योति सिंह ने इंग्लैंड दौरे से पहले आकाश को कहा था कि वह उनकी सेहत की चिंता छोड़कर देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर ध्यान केंद्रित करे। उन्होंने कहा, "मैं तीसरे स्टेज के कैंसर से लड़ रही हूं और मुझे छह महीने और इलाज की आवश्यकता है, लेकिन जब आकाश विकेट लेता है, तो वह पल हमारे लिए उत्सव जैसा होता है।"
कॉलोनी में गूंजती है तालियों की आवाज
ज्योति ने मुस्कुराते हुए बताया, "जब भी आकाश विकेट लेता है, पूरा घर ताली बजाता है। हमारे पड़ोसी भी पूछने लगते हैं कि क्या हुआ। हमें नहीं पता था कि आकाश हमारे बारे में सार्वजनिक रूप से बात करेगा, लेकिन जब उसने अपने इंटरव्यू में मुझे याद किया, तो मेरी आंखें नम हो गईं।"
आईपीएल के दौरान भी निभाया भाई का फर्ज
आकाश दीप की बहन ने बताया कि आईपीएल 2025 के दौरान, जब वह अस्पताल में थीं, तब भी आकाश उन्हें देखने आते थे, चाहे उनका शेड्यूल कितना भी व्यस्त क्यों न हो। उन्होंने कहा, "उसने कभी भी मुझसे मिलने का मौका नहीं छोड़ा। कभी मैच से पहले, तो कभी बाद में वह हमेशा आता था।"
वीडियो कॉल पर बहन की आंखों में आ गए आंसू
एजबेस्टन टेस्ट में भारत की जीत के बाद आकाश ने वीडियो कॉल पर अपनी बहन से बात की। ज्योति ने कहा, "हम सुबह 5 बजे तक बात करते रहे। आकाश ने कहा कि अब मैं नहीं रोक सकता था, मैं कोशिश कर रहा था, लेकिन तुम्हें देखकर भावनाएं बाहर आ गईं।"
आकाश की ज़िम्मेदारी
ज्योति ने बताया कि पिता और बड़े भाई के निधन के बाद आकाश ही घर की ज़िम्मेदारी निभा रहे हैं। उन्होंने कहा, "वो हम तीनों बहनों के सबसे करीब है और हमेशा कहता है, 'मेरे पास जो भी है, वो तुम लोगों का है।'"
घर का खाना और बहन का प्यार
ज्योति ने कहा कि वह चाहती हैं कि इंग्लैंड से लौटते ही आकाश को उनका पसंदीदा घर का बना खाना मिले। "उसे मेरे हाथ का दही वड़ा और हरी सब्जियां बहुत पसंद हैं। जब भी वह घर आता था, वो यही मांगता था। मैं इस बार फिर वही सब उसके लिए बनाऊंगी।"