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आगरा के मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में प्रशासनिक संकट: पीएम को लिखी गई शिकायत

आगरा के मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में प्रशासनिक संकट गहरा गया है, जब डॉ. दिनेश राठौर को कार्यवाहक निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया, जबकि नियमों का उल्लंघन किया गया। शिकायतकर्ता ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर इस मामले में जांच की मांग की है। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि संस्थान में कई महत्वपूर्ण पद वर्षों से रिक्त हैं, जिससे मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। क्या सरकार इस मामले में उचित कदम उठाएगी? जानिए पूरी कहानी।
 

आगरा में मानसिक स्वास्थ्य संस्थान की स्थिति


आगरा। उत्तर प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 28 जुलाई 2023 को एक आदेश जारी किया, जिसमें डॉ. ज्ञानेन्द्र कुमार की मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय आगरा से प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी गई। इसके साथ ही प्रो. दिनेश सिंह राठौर को कार्यवाहक निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है, जब तक कि संस्थान के लिए नियमित निदेशक की नियुक्ति नहीं की जाती।


प्रोफेसर डॉ. दिनेश राठौर वर्तमान में चिकित्सा अधीक्षक और कार्यवाहक निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। उन्हें 2014 में मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में चिकित्सा अधीक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था, लेकिन आज तक गैर-राजकीय कर्मचारियों के लिए इस पद का सृजन नहीं किया गया है।


इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा गया है, जिसमें शिकायतकर्ता ने उल्लेख किया है कि डॉ. राठौर एक गैर-राजकीय कर्मचारी हैं, फिर भी उन्हें नियमों की अनदेखी करते हुए कार्यवाहक निदेशक के पद पर नियुक्त किया गया है। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (NMC) के मानकों के अनुसार, निदेशक के पद के लिए 5 वर्ष का प्रोफेसर का अनुभव आवश्यक है, जो डॉ. राठौर के पास नहीं है।


पत्र में यह भी कहा गया है कि मानसिक स्वास्थ्य संस्थान को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक अनुभवी राजकीय अधिकारी की आवश्यकता है। 2014 से कोई स्थायी चिकित्सा अधीक्षक या निदेशक नियुक्त नहीं किया गया है।


NMC के मानकों के अनुसार, एक व्यक्ति को दो पदों पर कार्य करने की अनुमति नहीं है, लेकिन डॉ. राठौर वर्तमान में निदेशक और चिकित्सा अधीक्षक दोनों पदों पर कार्यरत हैं। उन्होंने पहले उच्च न्यायालय में भी NMC के मानकों का उल्लेख किया था।


शिकायतकर्ता ने पीएम मोदी को पत्र में बताया कि मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में पिछले कई वर्षों से तीन महत्वपूर्ण प्रशासनिक पद रिक्त हैं। इनमें अपर निदेशक प्रशासन, निदेशक और चिकित्सा अधीक्षक शामिल हैं।


शिकायतकर्ता ने अनुरोध किया है कि डॉ. दिनेश राठौर की नियुक्ति की जांच की जाए और रिक्त पदों पर स्थायी नियुक्ति की जाए, ताकि संस्थान में हो रहे भ्रष्टाचार को रोका जा सके।