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आगरा में धर्मसभा रद्द, पुलिस कमिश्नर की सख्त कार्रवाई पर चर्चा

आगरा में बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री की धर्मसभा को अचानक रद्द कर दिया गया, जिससे हजारों श्रद्धालु निराश हो गए। प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से यह निर्णय लिया। पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार की सख्त कार्यशैली और अपराधियों पर की गई कार्रवाई ने उन्हें चर्चा का विषय बना दिया है। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और दीपक कुमार की भूमिका के बारे में।
 

धर्मसभा का अचानक रद्द होना

आगरा में बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री की धर्मसभा को शनिवार को अचानक रद्द कर दिया गया, जिससे वहां पहुंचे हजारों श्रद्धालु चौंक गए। प्रशासन ने यह निर्णय कार्यक्रम शुरू होने से केवल एक घंटे पहले लिया। पुलिस का कहना है कि भीड़ की संख्या अनुमोदित सीमा से कहीं अधिक हो गई थी, जिससे सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो गया।


धार्मिक आयोजन के लिए बीएसएनएल ग्राउंड में केवल दो हजार लोगों की अनुमति थी, लेकिन वहां लगभग 10,000 लोग पहुंच गए। भारी भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई को देखते हुए, पुलिस और प्रशासन ने कार्यक्रम को रद्द करने का निर्णय लिया। इस निर्णय ने कई श्रद्धालुओं को निराश किया, जबकि कुछ ने प्रशासन की समय पर की गई कार्रवाई की सराहना की।


पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार की कार्यशैली

इस घटना के केंद्र में आगरा के पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार हैं, जिनकी सख्त कार्यशैली की चर्चा हर जगह हो रही है। लोग इंटरनेट पर उनके बारे में जानकारी खोज रहे हैं। दीपक कुमार, जो बिहार के बेगूसराय के निवासी हैं, 2005 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए ऑनर्स और एलएलबी की पढ़ाई की है और बिना कोचिंग के यूपीएससी परीक्षा पास की।


उन्होंने अप्रैल 2025 में आगरा पुलिस कमिश्नर का पदभार संभाला। उनके कार्यभार ग्रहण करने के बाद अपराध के खिलाफ एक सख्त अभियान शुरू हुआ, जिससे अपराधियों में हड़कंप मच गया।


अपराधियों पर सख्त कार्रवाई

आगरा कमिश्नर के रूप में दीपक कुमार ने पहले 18 दिनों में 15 मुठभेड़ की, जो पुलिस की सक्रियता और अपराधियों पर नियंत्रण के इरादे को दर्शाता है। उनके तरीकों ने उन्हें जनता के बीच एक सख्त प्रशासक की छवि दी है।


दीपक कुमार की अगुवाई में एक बड़े धर्मांतरण गिरोह का भी खुलासा हुआ, जिसकी जड़ें आगरा के साथ-साथ दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और पश्चिम बंगाल तक फैली थीं। इस गिरोह के 14 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया, जिससे धार्मिक और सामाजिक संगठनों से सराहना मिली।


धीरेंद्र शास्त्री को दी गई सूचना

धीरेंद्र शास्त्री की सभा को रद्द करने से पहले पुलिस कमिश्नर ने उन्हें फोन कर इसकी जानकारी दी थी। आयोजन स्थल में बारिश के कारण बदलाव किया गया था और नई जगह पर सभा की योजना बनाई गई थी, जिसकी सूचना आयोजकों ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी थी। हालांकि, भारी भीड़ को देखते हुए अंतिम समय पर अनुमति रद्द करनी पड़ी।