आजम खान को मुरादाबाद अदालत से मिली राहत, अवमानना मामले में बरी
आजम खान को मिली बड़ी राहत
आजम खान समाचार: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान को मुरादाबाद की एमपी-एमएलए विशेष अदालत से महत्वपूर्ण राहत मिली है। अदालत ने उनके खिलाफ चल रहे कोर्ट की अवमानना के मामले में उन्हें बरी कर दिया है। यह मामला वर्ष 2020 में अदालत में अनुपस्थित रहने के कारण शुरू हुआ था, जो छजलैट थाना क्षेत्र से संबंधित एक पुरानी घटना से जुड़ा था।
मामले का विवरण
यह विवाद 2 जनवरी 2008 का है, जब आजम खान अपने परिवार के साथ मुजफ्फरनगर में एक कार्यक्रम में जा रहे थे। छजलैट थाना क्षेत्र में उनकी गाड़ी को पुलिस ने चेकिंग के दौरान रोका। आरोप था कि उनके वाहन पर अवैध रूप से लालबत्ती लगी थी। इस कार्रवाई का उनके समर्थकों ने विरोध किया, जिसके कारण थाने के बाहर सड़क जाम और धरने की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसके बाद पुलिस ने आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और कई समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
पिछली सुनवाई और सजा
13 फरवरी 2023 को मुरादाबाद की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला को दोषी मानते हुए दो-दो साल की कैद और 3,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। हालांकि, सजा के बाद उन्हें जमानत मिल गई थी और उन्होंने इस फैसले को उच्च अदालत में चुनौती दी थी।
अवमानना का मामला और बरी होने का निर्णय
मामले की सुनवाई के दौरान कई बार आजम खान और अब्दुल्ला आजम अदालत में निर्धारित तिथियों पर उपस्थित नहीं हुए, जिसके कारण उन पर कोर्ट की अवमानना का एक अलग मामला दर्ज किया गया। अब मुरादाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि अवमानना के आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए गए, इसलिए दोनों को इस मामले से मुक्त किया जाता है।
वकील का बयान
आजम खान के वकील सैय्यद शाहनवाज सिब्तेन नकवी ने अदालत के फैसले पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह न्याय की जीत है। यह निर्णय यह साबित करता है कि बिना ठोस प्रमाण के किसी जनप्रतिनिधि को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।