आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए वेतन में भारी वृद्धि
आठवें वेतन आयोग की संभावित सिफारिशें
8वें वेतन आयोग की खबर: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए यह एक सकारात्मक विकास है। आठवें वेतन आयोग का कार्यान्वयन जल्द ही होने की संभावना है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,000 रुपये तक पहुंच सकता है। इसे जनवरी 2025 में लागू किया जाएगा, और इसकी सिफारिशें 2026 तक प्रभावी होने की उम्मीद है। इससे लगभग 50 लाख सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को लाभ होगा, क्योंकि उनके वेतन और पेंशन में वृद्धि होगी।
नई वेतन संरचना में बदलाव
नई सैलरी में कितना बड़ा उछाल हुआ?
ET की रिपोर्ट के अनुसार, आठवें वेतन आयोग में वेतन में भारी बढ़ोतरी की उम्मीद है।
ग्रुप D कर्मचारियों (जैसे चपरासी) की मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो सकती है।
वहीं, सीनियर अधिकारियों का वेतन 2.5 लाख से 7.15 लाख रुपये तक बढ़ सकता है।
पेंशन में भी वृद्धि
पेंशन में भी भारी उछाल
सिर्फ सैलरी ही नहीं, न्यूनतम पेंशन भी ₹9,000 से बढ़कर ₹25,740 तक हो सकती है।
ये परिवर्तन पेंशनभोगियों के लिए बहुत राहत प्रदान करेंगे।
फिटमेंट फैक्टर की भूमिका
फिटमेंट फैक्टर क्या है?
फिटमेंट फैक्टर एक गणना का फार्मूला है, जिसका उपयोग नई मूल सैलरी निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
यदि आप 2.57 से मौजूदा बेसिक सैलरी ₹18,000 को गुणा करते हैं, तो नई सैलरी ₹25,740 होगी।
सातवें वेतन आयोग ने न्यूनतम सैलरी को ₹7,000 से ₹18,000 किया, जिसमें फिटमेंट फैक्टर 2.57 था। इसी तरह, पेंशन का मूल्य ₹3,500 से ₹9,000 हो गया। आयोग ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक नई स्वास्थ्य बीमा योजना भी शुरू की, जिससे उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
महंगाई भत्ते का मर्जर
DA मर्ज और लेवल मर्जर की योजना
इस बार सरकार महंगाई भत्ते को नई बेसिक सैलरी में मर्ज करने पर विचार कर रही है। वर्तमान में 53 प्रतिशत DA दिया जा रहा है, जो दिसंबर 2025 तक 59 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।
साथ ही, लेवल 1 से लेवल 6 के पदों को मर्ज करने की योजना है, जिससे सैलरी संरचना को मजबूत किया जाएगा।
राज्य कर्मचारियों को भी मिलेगा लाभ
राज्य कर्मचारियों को भी लाभ
केंद्रीय वेतन आयोग मुख्य रूप से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए बनाया जाता है, लेकिन राज्य सरकारें भी अक्सर इसके सुझावों के आधार पर अपने कर्मचारियों के वेतन ढांचे में बदलाव करती हैं। इससे देशभर में वेतन वृद्धि स्थिर रहती है।