आतंकवाद के लिए ई-कॉमर्स का दुरुपयोग: FATF की नई रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे
आतंकवाद और डिजिटल प्लेटफॉर्म का संबंध
वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि आतंकवादी संगठन अब ई-कॉमर्स साइटों और ऑनलाइन भुगतान सेवाओं का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इस रिपोर्ट में भारत से जुड़े दो प्रमुख मामलों का उल्लेख किया गया है, जिनमें फरवरी 2019 का पुलवामा हमला और 2022 में गोरखनाथ मंदिर पर हुआ हमला शामिल है। FATF का मुख्य कार्य वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग की निगरानी करना है।
पुलवामा हमले में ई-कॉमर्स का उपयोग
FATF की रिपोर्ट के अनुसार, पुलवामा हमले में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक के मुख्य घटक को अमेज़न जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से खरीदा गया था। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि व्यापार आधारित मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से यह लेन-देन किया गया, जिससे आतंकवादी नेटवर्क के विभिन्न हिस्सों के बीच फंड ट्रांसफर करना आसान हो गया। FATF ने कहा कि इस तरह के लेन-देन वास्तविक सामान की खरीद से कहीं अधिक आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन का गुप्त स्थानांतरण कर सकते हैं।
गोरखनाथ मंदिर पर हमला और ऑनलाइन भुगतान
2022 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर पर हुए हमले में एक व्यक्ति ने सुरक्षा बलों पर दरांती से हमला किया था। FATF की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस हमले के लिए फंडिंग के लिए ऑनलाइन भुगतान प्लेटफॉर्म PayPal और VPN सेवाओं का उपयोग किया गया था। जांच में यह सामने आया कि आरोपी ने इस्लामिक स्टेट (ISIL) से जुड़े विदेशी खातों में लगभग ₹6.7 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे। आरोपी ने लेन-देन की पहचान छुपाने के लिए IP एड्रेस छिपाने वाले VPN टूल्स का सहारा लिया।
PayPal ने रोका संदिग्ध फंड ट्रांसफर
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि संदिग्ध गतिविधियों को भांपते हुए PayPal ने हमलावर के खाते को निलंबित कर दिया, जिससे आगे की अवैध लेन-देन को रोका जा सका। FATF ने इस मामले को एक उदाहरण के रूप में पेश किया है कि कैसे आधुनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया जा सकता है।
FATF की नजर में पाकिस्तान
जून 2025 में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद FATF ने इसकी कड़ी निंदा की थी और सभी देशों से आतंकवाद के वित्तीय स्रोतों को रोकने की अपील की थी। इसके बाद भारत सरकार ने FATF के समक्ष पाकिस्तान को फिर से 'ग्रे लिस्ट' में शामिल करने की मांग की है, यह कहते हुए कि सीमा पार से आतंकवाद को आर्थिक सहायता अभी भी जारी है।