×

आप का शिक्षा व्यवस्था पर भाजपा और कांग्रेस पर तीखा हमला

आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने भाजपा और कांग्रेस पर देश की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भारत में शिक्षा प्रणाली खंडहर में तब्दील हो रही है, जबकि अन्य देश अपने बच्चों को एआई में विशेषज्ञता सिखा रहे हैं। सिसोदिया ने राजस्थान में हुई एक दुखद घटना का जिक्र करते हुए सरकारी स्कूलों की स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आप शिक्षा सुधार के लिए 3,000 कार्यकर्ताओं की टीम का गठन कर रही है, जो देशभर के स्कूलों का दौरा करेगी। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
 

आप ने शिक्षा व्यवस्था को लेकर भाजपा और कांग्रेस पर आरोप लगाए

आम आदमी पार्टी (आप) ने देश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर भाजपा और कांग्रेस पर कड़ा हमला किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश की शिक्षा प्रणाली खंडहर में तब्दील हो रही है, और इसके लिए दोनों प्रमुख दल जिम्मेदार हैं। उन्होंने बताया कि अन्य देशों में बच्चे एआई में विशेषज्ञता हासिल कर रहे हैं, जबकि भारत में बच्चों को एआई मजदूर बनाने के लिए भी उचित शिक्षा नहीं दी जा रही है। सिसोदिया ने कहा कि आप हमेशा शिक्षा के मुद्दे पर काम करती रही है, चाहे वह सरकार में हो या न हो। उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी ने 20 राज्यों के प्रभारियों के साथ मिलकर निर्णय लिया है कि 3,000 कार्यकर्ताओं की टीम देशभर के सरकारी स्कूलों का दौरा करेगी, ताकि स्कूलों की स्थिति को उजागर किया जा सके।


केंद्र सरकार पर शिक्षा व्यवस्था को लेकर निशाना

मनीष सिसोदिया ने पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस और सांसद संजय सिंह के साथ एक प्रेस वार्ता में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में शिक्षा मंत्रियों का सम्मेलन बुलाया था, जिसमें नई शिक्षा नीति के माध्यम से देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का दावा किया गया। लेकिन सिसोदिया ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि भारत के बच्चे किस युग के लिए तैयार हो रहे हैं, यह चिंताजनक है। उन्होंने राजस्थान के झालावाड़ में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने की घटना का जिक्र किया, जिसमें 8 बच्चों की जान चली गई।


सरकारी स्कूलों की स्थिति पर चिंता

सिसोदिया ने कहा कि बच्चों की जान जाने का कारण यह है कि सरकार सरकारी स्कूलों को ठीक करने के लिए पैसे नहीं खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए थी। उन्होंने राजस्थान के शिक्षा मंत्री के बयान का भी जिक्र किया, जिसमें कहा गया था कि सरकार के पास पैसे नहीं हैं। इसके बाद, देशभर में लोग अपने जर्जर स्कूलों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं।


भारत की शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा

सिसोदिया ने कहा कि आप के नेताओं ने शिक्षा व्यवस्था पर गंभीरता से विचार किया है और सभी ने माना है कि भारत की शिक्षा एक खंडहर व्यवस्था बन चुकी है। उन्होंने यूडीआईएसई के डेटा का हवाला देते हुए कहा कि केवल 4.80 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर लैब हैं। महज 29 प्रतिशत बच्चे ही दूसरी कक्षा का पाठ पढ़ सकते हैं।


शिक्षा पर खर्च की कमी

सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति में शिक्षा पर जीडीपी का 6 प्रतिशत खर्च करने का वादा किया था, लेकिन वास्तविकता यह है कि सरकार हर साल केवल 2.50 प्रतिशत खर्च करती है। उन्होंने कहा कि पिछले 75 वर्षों में भाजपा और कांग्रेस ने शिक्षा के नाम पर देश को लूटने का काम किया है।


अन्य देशों की शिक्षा प्रणाली की तुलना

सिसोदिया ने बताया कि जापान और कोरिया जैसे देशों में बच्चे कोडिंग और रोबोटिक्स सीख रहे हैं, जबकि भारत में बच्चों को टूटी छतों के नीचे पढ़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को भी एआई पाठ्यक्रम को अनिवार्य बनाना चाहिए।


आप की शिक्षा सुधारने की योजना

सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी शिक्षा पर काम कर रही है और जहां सरकार में नहीं हैं, वहां भी वे सुधार के लिए लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि 1 से 7 अगस्त तक 3,000 कार्यकर्ता देशभर के स्कूलों का दौरा करेंगे।


संजय सिंह का बयान

आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली और पंजाब में शिक्षा के मुद्दे पर आप की उपलब्धियों को याद किया जाता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में शिक्षा की स्थिति को लेकर भाजपा पर आरोप लगाया कि उन्होंने सरकारी स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है।


हरजोत बैंस का बयान

पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने कहा कि पंजाब में सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार किया गया है। उन्होंने बताया कि अब हर सरकारी स्कूल में फर्नीचर, साफ पानी और वाई-फाई की सुविधा है।


भाजपा और कांग्रेस की नाकामी

सिसोदिया ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ने शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में नाकाम साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को लागू करने में भाजपा ने ढिलाई बरती है।