आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ: मोदी कैबिनेट ने पारित किया विशेष प्रस्ताव
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में 1975 में लागू किए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर गहन चर्चा की गई। मंत्रिमंडल ने आपातकाल के खिलाफ एक विशेष प्रस्ताव पारित किया, जिसमें इसे भारतीय लोकतंत्र और संविधान के लिए एक अंधकारमय युग बताया गया। प्रस्ताव में इसे 'लोकतंत्र और संविधान की हत्या' के रूप में निंदा की गई।
आपातकाल के शिकारों को श्रद्धांजलि
बैठक की शुरुआत में, प्रधानमंत्री मोदी और सभी केंद्रीय मंत्रियों ने आपातकाल के शिकारों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा। इस दौरान सभी मंत्री अपनी सीटों से खड़े होकर उन लोगों को सम्मानित करने के लिए उपस्थित हुए, जिन्होंने उस समय लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष किया।
संविधान हत्या की 50वीं वर्षगांठ
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद जानकारी दी कि वर्ष 2025 को 'संविधान हत्या की 50वीं वर्षगांठ' के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने एक स्वर में इस ऐतिहासिक भूल की निंदा की और स्वीकार किया कि आपातकाल के दौरान लाखों लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ और लोकतांत्रिक संस्थानों को दबाया गया।
युवाओं से अपील
कैबिनेट प्रस्ताव में विशेष रूप से देश के युवाओं से अपील की गई कि वे आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा करने वाले सेनानियों के संघर्ष से प्रेरणा लें। यह भी कहा गया कि इन सेनानियों ने तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाकर भारतीय संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की।
अंतरिक्ष मिशन की सफलता
बैठक में कुल तीन प्रस्ताव पारित हुए। एक अन्य प्रस्ताव में भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनके साथियों के अंतरिक्ष मिशन 'एक्सिओम-4' की सफलता पर खुशी व्यक्त की गई। ये अंतरिक्ष यात्री फाल्कन-9 रॉकेट के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा पर रवाना हुए हैं। कैबिनेट ने इसे भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों का प्रतीक बताया।