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आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई: बीबीडी ग्रुप की 100 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियाँ जब्त

आयकर विभाग ने बाबू बनारसी दास ग्रुप (बीबीडी) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 100 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियाँ जब्त की हैं। यह संपत्तियाँ 2005 से 2015 के बीच खरीदी गई थीं और इनमें कई भूखंड शामिल हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि इन संपत्तियों के असली लाभार्थी पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय अखिलेश दास के परिवार के सदस्य हैं। विभाग ने इन संपत्तियों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
 

बीबीडी ग्रुप के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई

लखनऊ। आयकर विभाग ने बाबू बनारसी दास ग्रुप (बीबीडी) के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। विभाग की बेनामी संपत्ति निषेध इकाई ने बीबीडी ग्रुप की लगभग 100 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियों को जब्त किया है।

जब्त की गई 20 संपत्तियों में चिनहट के अयोध्या रोड पर उत्तरधौना, जुग्गौर, 13 खास, सरायशेख और सेमरा ग्राम में 2005 से 2015 के बीच खरीदे गए भूखंड शामिल हैं। बीबीडी विश्वविद्यालय के निकट स्थित इन भूखंड़ों पर कई प्रोजेक्ट का कार्य चल रहा है। विभाग अन्य बेनामी संपत्तियों को भी जल्द जब्त करने की योजना बना रहा है।

आयकर विभाग की जांच में यह सामने आया है कि इन संपत्तियों के असली लाभार्थी पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय अखिलेश दास की पत्नी अलका दास, उनके बेटे विराज सागर दास, मेसर्स विराज इंफ्राटाउन प्राइवेट लिमिटेड और हाईटेक प्रोटेक्शन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड हैं। वहीं, जिन कर्मचारियों के नाम पर संपत्तियाँ हैं, उनमें से कई दलित हैं।

जिनके नाम पर संपत्ति, उन्हें खबर ही नहीं

2021 से चल रही इन बेनामी संपत्तियों की जांच में यह पाया गया कि बीबीडी ग्रुप के संचालकों ने जिन कर्मचारियों के नाम पर संपत्तियाँ खरीदीं, उनकी आर्थिक स्थिति लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करने की नहीं थी। अधिकांश को तो उनके नाम पर जमीन खरीदने की जानकारी तक नहीं थी। इन संपत्तियों को नकद देकर खरीदा गया था। जांच शुरू होने के बाद कई संपत्तियों को बेचने की कोशिश की गई। जो जमीनें बिक गईं, उनका भुगतान बैंक में आने पर तुरंत निकाल लिया गया।

अभी और बढ़ेगी जब्त संपत्तियों की कीमत

आयकर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जब्त की गई 20 संपत्तियों का कुल क्षेत्रफल लगभग 8 हेक्टेयर है। इनकी कीमत डीएम सर्किल रेट के अनुसार लगभग 20 करोड़ रुपये है, जबकि वर्तमान बाजार मूल्य 100 करोड़ रुपये से अधिक है। जल्द ही सर्किल रेट में वृद्धि होने पर इन संपत्तियों की कीमत और बढ़ेगी। अधिकांश संपत्तियाँ लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर स्थित हैं, जिससे उनकी कीमत सर्किल रेट से कई गुना अधिक हो चुकी है।

खरीद फरोख्त पर लगी रोक आयकर विभाग ने राजधानी के सभी उप निबंधक कार्यालयों को जब्त की गई 20 भूखंडों की जानकारी देते हुए इनकी खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने का निर्देश दिया है, ताकि आम जनता अपनी जमापूंजी न गंवाए। इसके साथ ही, जिन संपत्तियों को अब तक बेचा जा चुका है, उनकी विस्तृत जानकारी भी मांगी गई है। आयकर विभाग बिक चुकी संपत्तियों की भी गहनता से जांच करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं इन्हें आयकर विभाग की कार्रवाई से बचाने के लिए अपने करीबियों को तो नहीं बेचा गया है।