आरएसएस का शताब्दी समारोह: विजयदशमी पर विशेष आयोजन
आरएसएस का विजयदशमी उत्सव
आरएसएस ने गुरुवार को विजयदशमी के पावन अवसर पर नागपुर में एक भव्य उत्सव का आयोजन किया। इस अवसर पर संगठन की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने का समारोह मनाया जा रहा है, जो 1925 में डॉ. केबी हेडगेवार द्वारा स्थापित किया गया था। इस कार्यक्रम में आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
– मोहन भागवत ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद विभिन्न देशों के रुख ने भारत के साथ उनकी मित्रता की प्रकृति और सीमा को स्पष्ट किया।
– उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यह वर्ष श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज के पावन देहोत्सर्ग का 350वां वर्ष है। उनके बलिदान ने विदेशी अत्याचारों से हिंदू समाज की रक्षा की।
– पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि राष्ट्रीय निर्माण में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर का योगदान मेरे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है।
– आज महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी है, और मैं इन महापुरुषों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। ‘विजयादशमी उत्सव’ संघ का ‘शतक-पूर्ण-उत्सव’ भी है।
– आरएसएस एक पवित्र, विशाल वट वृक्ष के समान है, जो भारत के लोगों को एकजुट करता है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने डॉ. हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद, पूर्व राष्ट्रपति डॉ. रामनाथ कोविंद ने भी नमन किया। कार्यक्रम से पहले मोहन भागवत ने शस्त्र पूजन किया, और इसके बाद योग, प्रात्यक्षिक, नियुद्ध, घोष, और प्रदक्षिणा का आयोजन किया गया। आरएसएस की शाखाओं में यह उत्सव मनाया जा रहा है।