आरती साठे की हाई कोर्ट जज नियुक्ति पर उठे सवाल: जानें उनके परिवार का बीजेपी और RSS से संबंध
आरती साठे की नियुक्ति पर विवाद
आरती साठे की नियुक्ति: बॉम्बे हाई कोर्ट में आरती साठे को जज के रूप में नियुक्त किया गया है, जो कि चर्चा का विषय बन गया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं, क्योंकि साठे पूर्व में बीजेपी की प्रवक्ता रह चुकी हैं। विपक्ष का कहना है कि उनकी नियुक्ति से न्यायालय की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है। साठे को 2023 में बीजेपी प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्होंने जनवरी 2024 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले, वह बीजेपी की लीगल सेल में भी कार्यरत थीं। आइए जानते हैं आरती साठे के बारे में और उनके परिवार का RSS और बीजेपी से क्या संबंध है।
आरती साठे का परिचय
आरती साठे एक वरिष्ठ वकील हैं, जिनका मुंबई हाई कोर्ट में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव है। महाराष्ट्रियन परिवार में जन्मी आरती ने कानूनी क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत इकोनॉमिक लॉ प्रेक्टिस (ELP) से की थी। उनके पिता, अरुण साठे, मुंबई के प्रसिद्ध वकील हैं। आरती ने सीनियर वकील पर्सी पारदीवाला के साथ भी काम किया है और सुप्रीम कोर्ट तथा हाई कोर्ट में कई महत्वपूर्ण मामलों में पैरवी की है। उन्होंने विशेष रूप से टैक्स, सेबी, सीमा शुल्क, सेवा कर और वैवाहिक मामलों में केस लड़े हैं।
परिवार का बीजेपी और RSS से संबंध
आरती साठे के परिवार का RSS और बीजेपी से गहरा संबंध रहा है। उनकी बुआ, सुमित्रा महाजन, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष रह चुकी हैं। उनके पिता, अरुण साठे, RSS से जुड़े रहे हैं और बीजेपी के नेशनल एग्जीक्यूटिव मेंबर भी रहे हैं। वह बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे।
अन्य वकीलों की नियुक्ति
आरती साठे के साथ दो अन्य वकीलों, सुशील घोडेश्वर और अजीत कडेथांकर, को भी एडिशनल जज के रूप में नियुक्त किया गया है। हालांकि, साठे की नियुक्ति को लेकर विवाद बढ़ गया है। वर्तमान में हाई कोर्ट में 94 जजों के पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 66 जज कार्यरत हैं।
विपक्ष के सवाल
साठे की नियुक्ति के बाद से विपक्ष ने तीखे सवाल उठाए हैं। एनसीपी के विधायक रोहित पवार ने कहा कि सार्वजनिक रूप से सत्ता का समर्थन करने वाले को हाई कोर्ट का जज बनाना लोकतंत्र पर आघात है। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भी इस नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए न्यायिक स्वतंत्रता को खतरे में बताया है। हालांकि, बीजेपी ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि साठे को उनकी योग्यता के आधार पर नियुक्त किया गया है।
हाई कोर्ट जज बनने की प्रक्रिया
हाई कोर्ट में जज बनने के लिए वकीलों को कम से कम 10 वर्षों का अनुभव और आवश्यक शैक्षणिक योग्यता होनी चाहिए। कॉलेजियम प्रणाली के माध्यम से ऐसे वकीलों को जज के रूप में नियुक्त किया जाता है, जिसमें कुछ नामों की सिफारिश की जाती है, जिन्हें बाद में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंजूरी दी जाती है।