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आरबीआई की नई पहल: मृत ग्राहकों के दावों का निपटान 15 दिन में

भारतीय रिजर्व बैंक ने मृत ग्राहकों के बैंक खातों और लॉकर से संबंधित दावों के निपटान के लिए एक नई पहल की है। अब इन दावों का निपटान 15 दिनों के भीतर किया जाएगा। आरबीआई ने मानकीकृत प्रक्रियाओं को लागू करने का प्रस्ताव रखा है, जिससे दावों का निपटान सरल और सुविधाजनक हो सके। जानें इस नई नीति के बारे में और अधिक जानकारी।
 

आरबीआई की नई दिशा

नई दिल्ली - भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मृत ग्राहकों के बैंक खातों और लॉकर से संबंधित दावों के निपटान के लिए एक नई पहल की है। अब इन दावों का निपटान 15 दिनों के भीतर किया जाएगा। केंद्रीय बैंक ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी दावों का समय पर निपटारा हो, एक मानकीकृत फॉर्म तैयार करने की योजना बनाई है।


आरबीआई ने मृत ग्राहकों के खातों और सुरक्षित जमा लॉकर में रखी वस्तुओं के दावों के लिए मानक प्रक्रियाएं लागू करने का प्रस्ताव रखा है। इसका उद्देश्य दावों के निपटान को सरल और सुविधाजनक बनाना है। इस संदर्भ में, केंद्रीय बैंक ने 'भारतीय रिजर्व बैंक (बैंकों के मृत ग्राहकों के संबंध में दावों का निपटान) निर्देश, 2025' का मसौदा जारी किया है और 27 अगस्त तक इस पर टिप्पणियों की मांग की है। मसौदे में कहा गया है कि बैंक दावों और अन्य दस्तावेजों के लिए मानकीकृत प्रपत्रों का उपयोग करेंगे।


मसौदे में यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि दावों के निपटान में कोई देरी होती है, तो मुआवजे का प्रावधान होगा। यदि किसी व्यक्ति को जमा खातों या लॉकर के लिए नामित किया गया है, तो उसे पहचान और पते के सत्यापन के लिए दावा प्रपत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र और नामित व्यक्ति का वैध दस्तावेज जमा करना होगा।


इसके अलावा, मसौदे में यह भी कहा गया है कि बैंक को उन खातों के लिए एक सरल प्रक्रिया अपनानी चाहिए, जहां मृतक ने कोई नामांकन नहीं किया है, ताकि दावेदार या कानूनी उत्तराधिकारी को कोई कठिनाई न हो। ऐसे मामलों के लिए बैंक को न्यूनतम 15 लाख रुपये की सीमा तय करनी चाहिए। वर्तमान में, मृतक के नामांकित व्यक्ति द्वारा दावों के निपटान के लिए सभी बैंकों की अपनी प्रक्रियाएं हैं, जो इस नए कदम से मानकीकृत और सरल हो जाएंगी। मौजूदा निर्देशों के अनुसार, बैंकों को नामांकित व्यक्ति या कानूनी उत्तराधिकारियों के दावों के शीघ्र निपटान के लिए एक सरल प्रक्रिया अपनाने की आवश्यकता है।