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आरबीआई ने 35 टन सोना बेचने की अफवाहों को किया खारिज

भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में सोशल मीडिया पर चल रही उन अफवाहों का खंडन किया है, जिनमें कहा गया था कि उसने अपने भंडार से 35 टन सोना बेच दिया है। आरबीआई ने इसे निराधार बताया और लोगों को आधिकारिक स्रोतों से जानकारी प्राप्त करने की सलाह दी। इस स्पष्टीकरण का समय सोने के बाजार में बढ़ती वैश्विक रुचि और अस्थिरता के बीच आया है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, उसके सोने के भंडार की वैल्यू 101.72 अरब डॉलर तक पहुंच गई है।
 

आरबीआई का स्पष्टीकरण

नई दिल्ली - भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में सोशल मीडिया पर फैल रही उन खबरों का खंडन किया है, जिनमें कहा गया था कि केंद्रीय बैंक ने अपने भंडार से लगभग 35 टन सोना बेच दिया है।


आरबीआई ने इन रिपोर्ट्स को निराधार अफवाह करार दिया और लोगों से आग्रह किया कि वे केवल प्रमाणित स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें।


पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट द्वारा किए गए एक पोस्ट में बताया गया कि केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई बिक्री नहीं हुई है और जनता से अपील की गई है कि वे केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें।


आरबीआई ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर भी इस बात की पुष्टि की है कि 35 टन सोने की बिक्री का दावा गलत है। बैंक ने सोशल मीडिया पर फैली इन निराधार अफवाहों के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी है। आरबीआई से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए कृपया उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।


सोने के बाजार में अस्थिरता

यह स्पष्टीकरण सोने के बाजार में बढ़ती वैश्विक रुचि और अस्थिरता के बीच आया है, क्योंकि कई प्रमुख केंद्रीय बैंक अपनी सोने की खरीदारी में लगातार वृद्धि कर रहे हैं। उभरती अर्थव्यवस्थाएं, विशेष रूप से, अमेरिकी डॉलर से दूर जाने के लिए अपने सोने के भंडार में वृद्धि कर रही हैं। यह ट्रेंड 2022 में पश्चिमी देशों द्वारा रूस की रिजर्व एसेट्स को फ्रीज करने के बाद और तेज हो गया है।


आरबीआई के सोने के भंडार की स्थिति

केंद्रीय बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 31 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह तक आरबीआई के गोल्ड रिसर्व की वैल्यू बढ़कर 101.72 अरब डॉलर हो गई है।


इसके अलावा, देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गोल्ड रिजर्व की हिस्सेदारी बढ़कर लगभग 15 प्रतिशत हो गई है, जो कि कई दशकों का उच्चतम स्तर है। पिछले एक दशक में, देश के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी दोगुनी हो गई है, जो पहले 7 प्रतिशत थी।