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इंडिगो एयरलाइन में परिचालन संकट: उड़ानों में देरी और रद्दीकरण की समस्या

इंडिगो एयरलाइन वर्तमान में परिचालन संकट का सामना कर रही है, जिसके कारण उड़ानों में देरी और रद्दीकरण की घटनाएं बढ़ गई हैं। नए नियमों के लागू होने के बाद क्रू की कमी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। एयरपोर्ट संचालन पर भी इसका प्रभाव पड़ा है, जिससे यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इंडिगो ने तकनीकी समस्याओं और बढ़ती भीड़ को देरी का कारण बताया है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे एयरपोर्ट जाने से पहले अपनी उड़ान की स्थिति की जांच करें।
 

नई दिल्ली में इंडिगो की स्थिति


नई दिल्ली: देश की प्रमुख एयरलाइन इंडिगो वर्तमान में गंभीर परिचालन संकट का सामना कर रही है। हाल के दिनों में इसकी उड़ानों में असामान्य देरी और रद्दीकरण की घटनाएं बढ़ गई हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को एयरलाइन की केवल 35% उड़ानें समय पर उड़ान भर सकीं।


उड़ानों की समयपालन क्षमता में गिरावट

नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के लागू होने के बाद से क्रू की उपलब्धता और रोस्टरिंग इंडिगो के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। इसका प्रभाव यात्रियों और एयरपोर्ट संचालन दोनों पर स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है।


मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, इंडिगो की 2,200 से अधिक दैनिक उड़ानों में से केवल एक-तिहाई समय पर थीं। बुधवार को स्थिति और भी गंभीर हो गई, जब दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे प्रमुख एयरपोर्ट्स पर दोपहर तक लगभग 200 उड़ानें रद्द होने की सूचना मिली।


क्रू की कमी का संकट

पिछले महीने लागू हुए नए FDTL मानकों ने एयरलाइन की रोस्टरिंग प्रणाली को प्रभावित किया है। इन नियमों में क्रू के लिए सुरक्षित और मानव-केंद्रित कार्य समय निर्धारित किया गया है। इसके परिणामस्वरूप, इंडिगो के पास आवश्यक संख्या में पायलट और केबिन क्रू उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं, जिससे कई उड़ानें अंतिम समय पर रद्द करनी पड़ रही हैं।


एयरपोर्ट संचालन पर प्रभाव

एयरपोर्ट अधिकारियों का कहना है कि लगातार हो रही देरी से ग्राउंड स्टाफ और टर्मिनल प्रबंधन पर दबाव बढ़ गया है। बुधवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर बैगेज मैसेजिंग सिस्टम बाधित रहा, जिसका असर टर्मिनल 1 और कुछ हद तक टर्मिनल 3 पर भी पड़ा। यात्रियों को बैगेज काउंटरों पर लंबा इंतजार करना पड़ा।


इंडिगो का स्पष्टीकरण

इंडिगो ने एक बयान में तकनीकी समस्याओं, एयरपोर्ट पर बढ़ती भीड़ और परिचालन आवश्यकताओं को देरी का कारण बताया। एयरलाइन का कहना है कि वह प्रभावित यात्रियों को वैकल्पिक उड़ानें और रिफंड प्रदान कर रही है। कंपनी का दावा है कि उनकी टीमें संचालन को जल्द सामान्य करने के लिए प्रयासरत हैं।


यात्रियों की चिंताएं

दिसंबर में घरेलू उड़ानों का ट्रैफिक प्रतिदिन लगभग पांच लाख के आसपास रहता है। ऐसे में, इंडिगो जैसी बड़ी एयरलाइन की 60% से अधिक बाजार हिस्सेदारी होने के बावजूद, उसकी अधिकांश उड़ानों का देरी से उड़ान भरना पूरे नेटवर्क को प्रभावित कर रहा है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे एयरपोर्ट जाने से पहले ऑनलाइन स्टेटस अवश्य जांच लें, ताकि अनावश्यक परेशानी से बचा जा सके।