इंडिगो एयरलाइन संकट: सरकार ने पायलट ड्यूटी नियमों को किया स्थगित
नई दिल्ली में इंडिगो का संकट
नई दिल्ली: देश की प्रमुख एयरलाइन इंडिगो को हाल ही में गंभीर संकट का सामना करना पड़ा है। हजारों उड़ानें रद्द होने के कारण लाखों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा, और कंपनी को शेयर बाजार में लगभग 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
सरकार का निर्णय
केंद्र सरकार को अपने नए पायलट ड्यूटी टाइम नियम (FDTL) को तुरंत प्रभाव से स्थगित करना पड़ा। यह निर्णय सुरक्षा से जुड़े सख्त नियमों को वापस लेने का सवाल खड़ा करता है।
इंडिगो का बुरा हफ्ता
पिछले गुरुवार को इंडिगो की समय पर उड़ान भरने की दर केवल 8.5% थी, और दिल्ली से कोई उड़ान नहीं उड़ रही थी। शुक्रवार को 1000 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं, जिससे यात्रियों में गुस्सा फैल गया। कंपनी ने 5 से 15 दिसंबर के बीच की बुकिंग पर पूर्ण रिफंड और मुफ्त री-शेड्यूलिंग की घोषणा की।
इंडिगो ने सरकार से अनुरोध किया कि नए नियमों में कुछ छूट दी जाए, विशेषकर रात 12 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लैंडिंग की सीमा में। कंपनी का कहना है कि इन नियमों के कारण पायलटों की कमी हो गई है और स्थिति फरवरी 2026 तक सामान्य नहीं हो पाएगी।
सरकार का कदम
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय यात्रियों के हित में लिया गया है, विशेषकर बुजुर्गों, छात्रों, मरीजों और आवश्यक कार्य से यात्रा करने वालों के लिए। सरकार का दावा है कि सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया गया है।
DGCA ने नए नियमों को तत्काल प्रभाव से रोक दिया है। इंडिगो को उम्मीद है कि 15 दिसंबर तक उसकी अधिकांश उड़ानें फिर से शुरू हो जाएंगी।
शेयर बाजार में गिरावट
इस संकट के दौरान, इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के शेयर 9% तक गिर गए। 28 नवंबर को शेयर की कीमत 5904 रुपये थी, जो शुक्रवार को 5266 रुपये तक गिर गई।
हालांकि, सरकार के निर्णय के बाद थोड़ी रिकवरी हुई और शेयर 5371 रुपये पर बंद हुआ। कुल मिलाकर, कंपनी की मार्केट वैल्यू में लगभग 20,000 करोड़ रुपये की कमी आई। दूसरी ओर, छोटी एयरलाइन स्पाइसजेट के शेयर में 2.5% की वृद्धि हुई।
पायलटों की प्रतिक्रिया
नए नियमों का उद्देश्य थकान कम करना और उड़ान सुरक्षा को बढ़ाना था। लेकिन जैसे ही सरकार ने छूट दी, पायलटों का गुस्सा भड़क उठा। एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ALPA) ने DGCA को पत्र लिखकर कहा कि कुछ एयरलाइनों को छूट देना गलत है।
पायलटों का आरोप है कि इंडिगो ने जानबूझकर "पायलटों की कमी" का नाटक किया ताकि नए नियम लागू न हों। वे छूट को वापस लेने और इंडिगो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।