इंडिगो संकट का समाधान: डीजीसीए ने पुराने नियमों को वापस लिया
इंडिगो संकट का अंत
नई दिल्ली: इंडिगो एयरलाइन से जुड़ा संकट अब समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने अपने रोस्टर से संबंधित आदेश को वापस ले लिया है, जिससे एयरलाइन के संचालन में सुधार की उम्मीद की जा रही है। इस मामले की जानकारी गृह मंत्री अमित शाह को दी गई, जिसके बाद डीजीसीए ने तुरंत प्रभाव से अपने पुराने नियम को रद्द कर दिया।
डीजीसीए का निर्णय
डीजीसीए द्वारा 20 जनवरी 2025 को जारी पत्र में यह प्रावधान था कि क्रू सदस्यों को साप्ताहिक आराम के बदले छुट्टी नहीं दी जा सकती। इस नियम को हटाने के लिए कई एयरलाइनों ने डीजीसीए को आवेदन भेजे थे। एयरलाइनों का कहना था कि इस प्रावधान के कारण रोस्टर तैयार करना कठिन हो रहा है और उड़ानों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। लगातार उड़ान रद्द होने और परिचालन में बाधा को देखते हुए डीजीसीए ने अपने पुराने निर्देश की समीक्षा की।
डीजीसीए का स्पष्टीकरण
डीजीसीए ने बताया कि यह निर्णय संचालन की निरंतरता और स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। नए आदेश में पहले जारी निर्देश के उस पैराग्राफ को पूरी तरह से हटा दिया गया है, जिसमें कहा गया था कि साप्ताहिक आराम के बदले कोई छुट्टी नहीं दी जाएगी। यह आदेश सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी से तुरंत लागू किया गया है।
समस्याओं का कारण
इंडिगो ने मौजूदा समस्याओं के लिए तकनीकी खामियों, खराब मौसम और नए क्रू रोस्टरिंग नियमों को जिम्मेदार ठहराया है। 1 नवंबर से लागू हुए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (एफडीटीएल) नियमों के कारण पायलटों और क्रू की कमी उत्पन्न हो गई है। इन नियमों के तहत उड़ान घंटों की सीमा तय की गई है और लंबे आराम को अनिवार्य किया गया है, जिसके कारण एयरलाइन को कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
पायलटों की प्रतिक्रिया
हालांकि, फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स का कहना है कि इन नए नियमों का प्रभाव अन्य एयरलाइनों पर नहीं दिखता, इसलिए केवल इन्हें इंडिगो संकट के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। रिपोर्ट के अनुसार, यह सवाल उठ रहा है कि कौन से एविएशन नियम इंडिगो पर अधिक प्रभाव डाल रहे हैं और एयरलाइन अपने संकट को इन नियमों के सहारे क्यों सही ठहरा रही है।