इंडिगो संकट के बीच हवाई टिकटों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि, सरकार ने उठाए सख्त कदम
हवाई सेवाओं में बढ़ी कीमतों की समस्या
नई दिल्ली: इंडिगो एयरलाइन के परिचालन संकट के चलते देश में हवाई सेवाओं में लगातार रुकावटें आ रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप विमान टिकटों की कीमतें अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गई हैं। कई मार्गों पर किराया सामान्य से तीन से चार गुना बढ़ गया है, जिससे यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति को देखते हुए, केंद्र सरकार ने सभी एयरलाइनों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे निर्धारित किराया सीमा का पालन करें और किसी भी प्रकार की अवसरवादी मूल्य वृद्धि से बचें।
केंद्र सरकार का सख्त निर्देश
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि कुछ एयरलाइनों द्वारा मौजूदा संकट का लाभ उठाकर अत्यधिक किराया वसूलने की शिकायतें मिली हैं, जिन्हें सरकार गंभीरता से ले रही है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यदि नई निर्धारित किराया सीमाओं का उल्लंघन होता है, तो यह तत्काल कार्रवाई का कारण बनेगा।
निर्देश में यह भी कहा गया है कि जब तक देशभर में उड़ानों की स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक यह किराया नियंत्रण व्यवस्था लागू रहेगी। मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि यह कदम यात्रियों को अचानक बढ़े हुए किरायों से आर्थिक झटका न लगने के लिए उठाया गया है।
इंडिगो के संकट का प्रभाव
भारत की प्रमुख बजट एयरलाइन इंडिगो हाल के दिनों में गंभीर परिचालन संकट का सामना कर रही है। नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के कारण क्रू रोस्टर में बड़े बदलाव करने पड़े, जिससे कई रूटों पर पायलट और क्रू की उपलब्धता में कमी आई। इसके परिणामस्वरूप, एक ही दिन में 1,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जो इंडिगो के इतिहास में सबसे खराब परिचालन दिन माना जा रहा है।
इंडिगो की उड़ानों में अचानक रद्दीकरण का असर अन्य एयरलाइनों पर भी पड़ा है। बड़ी संख्या में यात्रियों ने अन्य विकल्पों की ओर रुख किया, जिससे मांग में तेजी आई और टिकटों की कीमतें आसमान छूने लगीं।
किराए में अभूतपूर्व वृद्धि
उड़ानों के रद्द होने के कारण यात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों के बीच यात्रा करने वालों को टिकटों के लिए तीन से चार गुना अधिक कीमत चुकानी पड़ी।
उदाहरण के लिए, दिल्ली से मुंबई की नॉन-स्टॉप उड़ान का किराया 65,460 रुपये तक पहुंच गया, जो सामान्य दिनों की तुलना में लगभग चार गुना अधिक है। वहीं, वन-स्टॉप विकल्पों की कीमत 38,376 रुपये से 48,972 रुपये के बीच रही, जो अत्यधिक ऊंची मानी गई।
स्थिति सामान्य होने तक निगरानी
सरकार ने स्पष्ट किया है कि हवाई किराए पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और एयरलाइनों को किसी भी प्रकार की अनियमितता की अनुमति नहीं दी जाएगी। मंत्रालय ने कहा कि किराया सीमा लागू रहने से यात्रियों को राहत मिलेगी और संकट के दौरान भी हवाई यात्रा अनावश्यक रूप से महंगी नहीं होगी।