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इंडोनेशिया का BRICS में शामिल होना: वैश्विक अर्थव्यवस्था में नया मोड़

इंडोनेशिया का BRICS में शामिल होना वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। यह कदम BRICS की भू-राजनीतिक और आर्थिक शक्ति को बढ़ाएगा। जानें इस नए सदस्य के शामिल होने के पीछे के कारण और इसके वैश्विक व्यापार पर प्रभाव के बारे में।
 

BRICS का नया सदस्य: इंडोनेशिया

BRICS, जो उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक शक्तिशाली समूह है, में अब इंडोनेशिया का नाम जुड़ गया है। इस नए सदस्य के शामिल होने से BRICS की वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक ताकत में वृद्धि की उम्मीद है। यह समूह अब और भी प्रभावशाली बनने की दिशा में अग्रसर है।


BRICS की कहानी की शुरुआत 2001 में हुई थी, जब गोल्डमैन सैक्स के अर्थशास्त्री जिम ओ'नील ने ब्राजील, रूस, भारत और चीन को 'BRIC' के रूप में पहचाना। उन्होंने कहा कि ये देश भविष्य में वैश्विक अर्थव्यवस्था के प्रमुख खिलाड़ी बनेंगे।


2006 में, इन चार देशों के नेताओं ने BRIC को एक औपचारिक राजनयिक मंच के रूप में स्थापित किया। 2010 में दक्षिण अफ्रीका के शामिल होने से यह 'BRICS' बन गया, जिससे इसकी भौगोलिक और आर्थिक पहुंच में वृद्धि हुई।


आज, BRICS दुनिया की सबसे बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाओं का प्रतिनिधित्व करता है, जिनकी वैश्विक जीडीपी में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। यह समूह बहु-ध्रुवीय विश्व व्यवस्था को बढ़ावा देने और पश्चिमी देशों के प्रभुत्व वाले संस्थानों के विकल्प के रूप में कार्य करने पर जोर देता है।


इंडोनेशिया का BRICS में शामिल होना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और G20 का सदस्य भी है। इसका BRICS में शामिल होना समूह को अधिक भौगोलिक विविधता और आर्थिक शक्ति प्रदान करेगा। यह वैश्विक व्यापार मार्गों और रणनीतिक क्षेत्रों में BRICS की पहुंच को मजबूत करेगा।


इंडोनेशिया का शामिल होना उन देशों के लिए एक संकेत है जो BRICS में शामिल होने की इच्छा रखते हैं, यह दर्शाता है कि समूह अपने विस्तार के लिए गंभीर है। यह कदम वैश्विक भू-राजनीति में बड़े बदलावों का संकेत देता है, जहां पारंपरिक पश्चिमी नेतृत्व वाले ढांचे के अलावा नए शक्तिशाली गठबंधन उभर रहे हैं।