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इजराइल ने ट्रंप की योजना के पहले चरण को लागू करने की तैयारी की

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप की योजना के पहले चरण को लागू करने की तैयारी की घोषणा की है। इस योजना में युद्धविराम और बंधकों की रिहाई शामिल है। ट्रंप ने इजराइल से बमबारी रोकने की अपील की है, ताकि बंधकों को सुरक्षित रूप से छुड़ाया जा सके। हमास ने भी इस योजना के कुछ हिस्सों को स्वीकार करने की इच्छा जताई है। जानें इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बारे में और क्या है आगे की रणनीति।
 

इजराइल की नई रणनीति

इजराइल की युद्ध योजना: इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने बताया कि इजराइल गाजा में चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना के पहले चरण को लागू करने के लिए तैयार है। नेतन्याहू के कार्यालय ने एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि ट्रंप की योजना के अनुसार, इजराइल युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के लिए अमेरिका के साथ सहयोग करेगा।


ट्रंप ने इस सप्ताह की शुरुआत में इस योजना का जिक्र किया था, जिसका उद्देश्य 7 अक्टूबर, 2023 को इजराइल पर हुए हमास के हमले के बाद शुरू हुए युद्ध को समाप्त करना है। इस योजना में तत्काल युद्धविराम, शेष बंधकों की रिहाई और गाजा से इजराइली सैनिकों की वापसी शामिल है।


ट्रंप का इजराइल से अनुरोध

ट्रंप ने इजराइल से बमबारी रोकने की अपील की:


राष्ट्रपति ट्रंप ने इजराइल से अनुरोध किया है कि वह अपने बमबारी अभियान को समाप्त करे। उन्होंने कहा कि निरंतर हवाई हमलों के कारण बंधकों को सुरक्षित रूप से छुड़ाना कठिन हो जाएगा। ट्रंप ने यह भी बताया कि इजराइली और फिलिस्तीनी प्रतिनिधियों के बीच बातचीत आगे बढ़ रही है, और दोनों पक्ष स्थायी शांति के लिए तैयार हैं।


गाजा पर नियंत्रण रखने वाले समूह हमास ने कहा है कि वे इस योजना के कुछ हिस्सों को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं, विशेष रूप से बंधकों की वापसी और गाजा पट्टी पर नियंत्रण छोड़ने के लिए सहमति जताई है। हालांकि, हमास ने स्पष्ट किया है कि बड़े राजनीतिक मुद्दों पर सभी फिलिस्तीनी समूहों का एकजुट रुख आवश्यक है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें यहां. 


हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी, मूसा अबू मरजूक ने कहा है कि वे इस योजना को बिना किसी बातचीत के लागू नहीं कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप द्वारा दी गई 72 घंटे की डेडलाइन के भीतर बंधकों को रिहा करने में देरी हो सकती है।