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इजरायल-ईरान संघर्ष: ट्रंप ने दी चेतावनी, सैन्य सहायता पर उठाए सवाल

इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। इजरायल ने अमेरिका से सैन्य सहायता मांगी है, लेकिन ट्रंप ने चेतावनी दी है कि ईरान के न्यूक्लियर प्लांट को नष्ट करना आसान नहीं होगा। इस बीच, ईरान ने भी इजरायल पर जवाबी हमले शुरू कर दिए हैं। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और ट्रंप की प्रतिक्रिया क्या है।
 

इजरायल और ईरान के बीच बढ़ता संघर्ष

नई दिल्ली: इजरायल और ईरान के बीच पिछले नौ दिनों से जारी युद्ध में तेजी आ गई है। दोनों देश एक-दूसरे पर मिसाइलों से हमले कर रहे हैं, जिससे कई प्रमुख शहरों को भारी नुकसान हुआ है। इजरायल का मुख्य निशाना ईरान के न्यूक्लियर प्लांट हैं। इन ठिकानों को नष्ट करने के लिए इजरायल ने अमेरिका से सैन्य सहायता मांगी है।


ट्रंप की प्रतिक्रिया

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल की इस मांग पर प्रतिक्रिया दी है, जो उनके लिए निराशाजनक हो सकती है। ट्रंप ने कहा, “ईरान के खिलाफ अमेरिकी सैनिकों को भेजना हमारा अंतिम विकल्प होगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इजरायल के पास ईरान के अंडरग्राउंड फोर्दो न्यूक्लियर प्लांट को पूरी तरह से नष्ट करने की क्षमता नहीं है।


ईरान के न्यूक्लियर कार्यक्रम पर चिंता

ट्रंप ने आगे कहा, “अभी हमारे पास अधिकतम दो हफ्ते का समय है। इजरायल फोर्दो के केवल एक हिस्से को थोड़ा नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन उसे पूरी तरह खत्म नहीं कर सकता।” व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने भी चिंता जताई कि ईरान के पास न्यूक्लियर बम बनाने की पूरी क्षमता है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम लीडर के आदेश पर ईरान कुछ ही हफ्तों में परमाणु बम बना सकता है।


ऑपरेशन राइजिंग लॉयन

इस घटनाक्रम के बीच, 12 जून को इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर प्रतिष्ठानों पर ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ के तहत हमला किया था। इसके जवाब में, ईरान ने तेल अवीव समेत इजरायल के कई शहरों पर हमले शुरू कर दिए। तब से दोनों देशों के बीच लगातार हमले जारी हैं।