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इजरायल और ईरान के बीच बढ़ता तनाव: क्या है 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' का सच?

मध्य पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच तनाव एक बार फिर से बढ़ गया है। इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' के तहत हमले किए हैं, जिससे क्षेत्र में सैन्य और राजनीतिक तनाव अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। ईरान ने इन हमलों की पुष्टि की है और इसके परिणामस्वरूप कई शीर्ष सैन्य अधिकारी मारे गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और क्या हो सकता है आगे।
 

मध्य पूर्व में तनाव की नई लहर

मध्य पूर्व में स्थिति एक बार फिर से गंभीर हो गई है। इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने वैश्विक चिंता को बढ़ा दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को कड़ी चेतावनी दी है, जबकि इजरायल ने ईरान के परमाणु स्थलों पर एक नया आक्रामक सैन्य अभियान शुरू किया है.


इजरायल का सैन्य अभियान

ईरानी मीडिया के अनुसार, इजरायली सेना ने शिराज, तबरीज और नतांज जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्थित न्यूक्लियर साइट्स पर बमबारी की है। इससे क्षेत्र में सैन्य और राजनीतिक तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है.


ऑपरेशन 'राइजिंग लॉयन' की शुरुआत

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल ने शुक्रवार को ऑपरेशन 'राइजिंग लॉयन' के तहत ईरान के प्रमुख न्यूक्लियर ठिकानों पर हमले किए। इजरायली सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा कि हमारे हमलों से ईरान की मुख्य न्यूक्लियर साइट्स को गंभीर नुकसान हुआ है और यह अभियान लंबा चल सकता है.


ईरान के सैन्य कमांडरों की हानि

इस हमले में ईरान के कई शीर्ष सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे एक सफल प्रारंभिक हमला बताया और कहा कि ईश्वर की मदद से हम और भी सफलताएँ प्राप्त करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हमने ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम के केंद्र पर हमला किया है.


ईरान की प्रतिक्रिया

ईरान ने इन हमलों की पुष्टि की है और बताया कि उनकी एयर डिफेंस सिस्टम और परमाणु सुविधाओं को गंभीर नुकसान पहुंचा है। ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने चेतावनी दी है कि इजरायल को ईरान की प्रतिक्रिया इतनी भयानक होगी कि वह इसे जीवन भर याद रखेगा।


अंतरराष्ट्रीय चिंता

इस घटनाक्रम के बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस टकराव को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है, क्योंकि इसका प्रभाव केवल मध्य पूर्व पर नहीं, बल्कि वैश्विक शांति पर भी पड़ सकता है.