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इजरायल और ईरान के बीच युद्धविराम: तनाव और विवाद जारी

इजरायल और ईरान के बीच 12 दिनों से चल रहे संघर्ष के बाद एक युद्धविराम की घोषणा की गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते की जानकारी दी, लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव और विवाद अभी भी जारी हैं। जानें इस संघर्ष का इतिहास, कतर की मध्यस्थता की भूमिका और युद्धविराम के बाद की स्थिति के बारे में।
 

युद्धविराम की घोषणा

इजरायल और ईरान के बीच पिछले 12 दिनों से चल रहा तनावपूर्ण संघर्ष अंततः एक युद्धविराम के साथ थम गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह जानकारी दी कि दोनों देशों ने एक पूर्ण युद्धविराम पर सहमति जताई है, जो छह घंटे में प्रभावी होगा और 24 घंटे में पूरी तरह लागू किया जाएगा। इस घोषणा ने मध्य पूर्व में शांति की उम्मीदें जगाई हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच की तल्खी और एक-दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ अभी भी जारी है.


संघर्ष का इतिहास

13 जून, 2025 को इजरायल ने 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' के तहत ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले शुरू किए, जिसका उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करना था। इसके जवाब में, ईरान ने इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिससे तनाव चरम पर पहुंच गया। 22 जून को अमेरिका भी इस संघर्ष में शामिल हुआ, जब उसने अपने बी-2 बॉम्बर्स के जरिए ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए। इसके बाद, ईरान ने कतर में अमेरिकी सैन्य अड्डे अल उदीद पर मिसाइल हमला किया, जिसे अमेरिका ने कमजोर प्रतिक्रिया बताया.


कतर की मध्यस्थता

इन हमलों के बीच कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी की मध्यस्थता से युद्धविराम की बातचीत शुरू हुई। ट्रंप ने इस मध्यस्थता की सराहना की और कहा कि दोनों देश शांति की पहल के लिए उनके पास आए। मंगलवार सुबह ट्रंप ने युद्धविराम की घोषणा की, जिसमें कहा गया कि ईरान पहले अपने हमले बंद करेगा, इसके 12 घंटे बाद इजरायल भी हमले रोकेगा, और 24 घंटे बाद युद्ध को पूरी तरह समाप्त माना जाएगा.


युद्धविराम पर विवाद

हालांकि, युद्धविराम की घोषणा के बावजूद, दोनों पक्षों के बीच तनाव कम नहीं हुआ। इजरायल ने दावा किया कि युद्धविराम शुरू होने के ढाई घंटे बाद भी ईरान ने उस पर मिसाइल हमले किए, जिसमें चार लोग मारे गए। इसके जवाब में, इजरायल ने ईरान पर हवाई हमले किए, जिसमें एक प्रमुख ईरानी परमाणु वैज्ञानिक के मारे जाने की खबर है। दूसरी ओर, ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने इन हमलों से इनकार किया और कहा कि युद्धविराम को एकतरफा थोपा गया है.


कतर की भूमिका

कतर की मध्यस्थता को इस युद्धविराम का आधार माना जा रहा है। कतर ने न केवल बातचीत को सुगम बनाया, बल्कि एक चरणबद्ध युद्धविराम योजना तैयार करने में भी मदद की। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और रिपब्लिकन हाउस स्पीकर माइक जॉनसन ने ट्रंप की इस कूटनीतिक सफलता की सराहना की। हालांकि, ईरानी मीडिया ने युद्धविराम को 'थोपा हुआ' करार देते हुए ट्रंप की आलोचना की और दावा किया कि उनकी सेना ने अमेरिका और इजरायल को घुटनों पर ला दिया.