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इजरायल का ईरान पर हमला: क्या मध्य पूर्व में फिर से युद्ध की आहट है?

इजरायल ने अचानक ईरान पर हमला कर दिया है, जिससे मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया है। इस हमले के बाद ईरान की वायु रक्षा प्रणाली सक्रिय हो गई है और पूरे देश में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले से पहले क्षेत्र में संघर्ष की चेतावनी दी थी। इस घटना के बाद वैश्विक बाजारों में तेल की कीमतें बढ़ गई हैं। जानें इस हमले के पीछे की वजहें और ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर चल रही बहस।
 

इजरायल का अचानक हमला

इजरायल का ईरान पर हमला: मध्य पूर्व एक बार फिर युद्ध की कगार पर खड़ा नजर आ रहा है। शुक्रवार की सुबह इजरायल ने ईरान पर अचानक हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप तेहरान में जोरदार धमाकों की गूंज सुनाई दी। इस प्रीएम्पटिव स्ट्राइक के बाद, ईरान में आपातकाल की स्थिति लागू कर दी गई है। हमले का मुख्य लक्ष्य ईरान की परमाणु सुविधाएं और सैन्य ठिकाने थे।


ट्रंप की चेतावनी और हमले का समय

इस हमले से पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने क्षेत्र में संभावित बड़े संघर्ष की चेतावनी दी थी। उन्होंने स्पष्ट किया था कि ईरान द्वारा बड़ा हमला संभव है और अमेरिका अपने स्टाफ को वहां से हटाने की प्रक्रिया में है। ट्रंप की चेतावनी के कुछ घंटों बाद ही यह हमला हुआ, जिससे वैश्विक तनाव बढ़ गया है।


तेहरान में दहशत

तेहरान में धमाकों से दहशत

शुक्रवार सुबह तेहरान में कई धमाकों की आवाजें सुनाई दीं। ईरान के सरकारी टीवी चैनल ने पुष्टि की कि देश की वायु रक्षा प्रणाली पूरी तरह से सक्रिय कर दी गई है। हमले के बाद पूरे देश में हाई अलर्ट घोषित किया गया है।


आपातकाल की घोषणा

इजरायल ने घोषित किया आपातकाल

इजरायल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने कहा कि ईरान की ओर से जवाबी हमले की संभावना है। उन्होंने कहा, "इस हमले के बाद ईरान द्वारा इजरायल और हमारे नागरिकों पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया जा सकता है। हम पूरी तरह तैयार हैं।"


तेल की कीमतों में वृद्धि

तेल की कीमतों में उछाल

इस हमले के बाद वैश्विक बाजारों में तेल की कीमतें लगभग 6 प्रतिशत तक बढ़ गईं। यह स्पष्ट है कि इस तनाव का प्रभाव वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है।


ट्रंप का बयान

ट्रंप की चेतावनी और बयान

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में कहा, "मैं यह नहीं कहूंगा कि हमला आसन्न है, लेकिन इसके होने की संभावना बहुत प्रबल है।" उन्होंने यह भी कहा कि ईरान के साथ परमाणु समझौते को लेकर बातचीत काफी करीब है, लेकिन इजरायली हमला इन प्रयासों को नष्ट कर सकता है। ट्रंप ने कहा, "मैं नहीं चाहता कि वे (इजरायल) इसमें घुसे, क्योंकि इससे यह डील बर्बाद हो सकती है। लेकिन हो सकता है कि यह डील को फायदा भी पहुंचाए।"


अमेरिका की स्थिति

अमेरिका की भूमिका और स्थिति

एक अमेरिकी अधिकारी ने स्पष्ट किया कि इस हमले में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है। अमेरिका ने बुधवार को ही इराक स्थित अपने दूतावास से कर्मचारियों को हटाने की घोषणा की थी। यह क्षेत्र लंबे समय से ईरान के साथ उसके अप्रत्यक्ष संघर्ष का गवाह रहा है।


इजरायल की आक्रामक नीति

हमास हमले के बाद से इजरायल की आक्रामक नीति

2023 के अक्टूबर में ईरान समर्थित हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले के बाद से प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने स्पष्ट कर दिया था कि अब देश जवाबी कार्रवाई में कोई नरमी नहीं बरतेगा। इसके बाद से गाजा में भी इजरायल की बड़ी कार्रवाई जारी है।


ईरान का परमाणु कार्यक्रम

ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर विवाद

ईरान कई बार यह स्पष्ट कर चुका है कि वह परमाणु हथियार नहीं बना रहा है, लेकिन अमेरिका, इजरायल और अन्य पश्चिमी देश उस पर आरोप लगाते रहे हैं। हाल ही में IAEA ने ईरान को उसकी परमाणु संधियों के उल्लंघन का दोषी ठहराया था। इसके बाद इजरायल ने वैश्विक कार्रवाई की मांग की है।


ईरान की नई घोषणा

परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान की नई घोषणा

IAEA के प्रस्ताव को ईरान ने कट्टरपंथी करार देते हुए कहा कि वह जल्द ही एक नई यूरेनियम संवर्धन सुविधा शुरू करेगा और फोर्दो प्लांट में छठी पीढ़ी की उन्नत मशीनों को स्थापित करेगा। ईरान अभी 60 प्रतिशत स्तर तक यूरेनियम समृद्ध कर रहा है, जो कि 2015 के समझौते में तय 3.67 प्रतिशत की सीमा से कहीं अधिक है, और यह 90 प्रतिशत के परमाणु हथियार स्तर के काफी करीब है।