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इजरायल का गुप्त ऑपरेशन: ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर बड़ा हमला

इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने हाल ही में एक गुप्त ऑपरेशन 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' के तहत ईरान के परमाणु कार्यक्रम को गंभीर नुकसान पहुँचाया। इस मिशन का उद्देश्य ईरान के गुप्त परमाणु स्थलों और वैज्ञानिकों को निशाना बनाना था। जानें इस ऑपरेशन के प्रभाव और ईरान की अंतरराष्ट्रीय छवि पर इसके परिणाम।
 

ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर इजरायल का प्रभावी कदम

ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर वैश्विक चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में एक महत्वपूर्ण खुलासा हुआ है, जिसमें बताया गया है कि इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने एक गुप्त ऑपरेशन के माध्यम से ईरान के परमाणु योजनाओं को गंभीर नुकसान पहुँचाया। इस ऑपरेशन का नाम 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' रखा गया था।

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के आदेश पर इस मिशन को अंजाम दिया गया, जिसका उद्देश्य ईरान के गुप्त परमाणु स्थलों, वैज्ञानिकों और तकनीकी संसाधनों को निशाना बनाना था। मोसाद ने इस ऑपरेशन में गुप्त एजेंटों, ड्रोन तकनीक और साइबर हमलों का सहारा लिया।

सूत्रों के अनुसार, मोसाद ने ईरान के भीतर रहकर वहां की परमाणु सुविधाओं की जानकारी जुटाई और फिर एक के बाद एक वैज्ञानिकों को निशाना बनाया। इस अभियान के परिणामस्वरूप, कई प्रमुख वैज्ञानिक या तो मारे गए या गायब हो गए, जिससे ईरान का परमाणु कार्यक्रम धीमा पड़ गया।

ईरान के द्वारा वर्षों से विकसित किए जा रहे परमाणु बम के सपने को अब खतरा उत्पन्न हो गया है। इस ऑपरेशन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईरान की छवि को भी नुकसान पहुँचाया है। हालांकि, इजरायल ने इस मिशन की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन पश्चिमी मीडिया और सुरक्षा विशेषज्ञ इसे मोसाद की सबसे सफल गुप्त कार्रवाइयों में से एक मानते हैं।