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इजरायल के हमले पर कतर की प्रतिक्रिया और ट्रंप की मध्यस्थता

इजरायल ने कतर में हमास के खिलाफ एक बड़ा हमला किया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। कतर ने इस हमले की निंदा की और जवाबी कार्रवाई का अधिकार जताया। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कतर के प्रधानमंत्री से मुलाकात की और स्थिति को संभालने की कोशिश की। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की कहानी और ट्रंप की भूमिका।
 

इजरायल का कतर में हमला

इजरायल ने हमास के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कतर की राजधानी दोहा में एक महत्वपूर्ण हमला किया। इस हमले का लक्ष्य हमास के पोलित ब्यूरो के सदस्यों को निशाना बनाना था, जिसके बाद स्थिति और बिगड़ गई। कतर ने इस हमले की न केवल निंदा की, बल्कि यह भी कहा कि उसके पास इस प्रकार की कार्रवाई का जवाब देने का पूरा अधिकार है। हमास के कमांडरों को मारने के प्रयास ने इस्लामिक देशों में आक्रोश पैदा कर दिया है। पाकिस्तान, सऊदी अरब, और यूएई जैसे कई मुस्लिम देशों ने भी इस हमले की आलोचना की है। इसी संदर्भ में, कतर ने रविवार और सोमवार को अरब और इस्लामिक देशों की बैठक बुलाई है।


ट्रंप की मध्यस्थता

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति को संभालने के लिए खुद को आगे बढ़ाया है। न्यूयॉर्क में, ट्रंप ने कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से मुलाकात की। कतर के उप मिशन प्रमुख हमाह अल-मुफ्ताह ने सोशल मीडिया पर लिखा, "राष्ट्रपति ट्रंप के साथ शानदार डिनर अभी समाप्त हुआ।"


अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप के साथ डिनर से पहले, शेख मोहम्मद ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो से भी मुलाकात की, जहां उन्होंने इजरायल के हमलों और अमेरिका-क़तर सुरक्षा सहयोग पर चर्चा की।


ट्रंप ने पहले ही कहा था कि वह इजरायल द्वारा कतर को निशाना बनाए जाने से बहुत नाखुश हैं, जो इजरायल-हमास युद्धविराम वार्ता को प्रभावित कर सकता है। अल जज़ीरा के अनुसार, इन हमलों के कारण कतर और अमेरिका के बीच संबंध जटिल हो गए हैं।


मध्य पूर्व में संतुलन बनाने की कोशिश

इस सप्ताह, ट्रंप प्रशासन मध्य पूर्व के सहयोगियों और इजरायल के बीच संतुलन बनाने में लगा हुआ है। यह मुद्दा तब उभरा जब अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर कतर पर हमले के लिए इजरायल की निंदा की। हालांकि, रुबियो इस सप्ताह के अंत में इजरायल की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे, जिसके बाद वह 22 सितंबर को होने वाले संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जहां कई पश्चिमी देश फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की योजना बना रहे हैं।