इजरायल ने यमन पर हवाई हमलों की श्रृंखला शुरू की
इजरायल के हवाई हमले
इजरायल ने यमन पर हवाई हमलों की श्रृंखला शुरू की: मध्य पूर्व में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। गाजा युद्ध के बाद से यमन के हूती विद्रोही इजरायल के खिलाफ सक्रिय हो गए हैं। इसी संदर्भ में, मंगलवार को इजरायल ने यमन के रेड सी पोर्ट हुदैदा पर 12 से अधिक हवाई हमले किए। इन हमलों में कई नागरिकों के मारे जाने की सूचना है। इजरायल का कहना है कि यह कार्रवाई हूतियों के खिलाफ की गई है, लेकिन इसका सबसे अधिक प्रभाव आम नागरिकों पर पड़ रहा है।
हमलों की पुष्टि
मंगलवार को हुए हमलों की पुष्टि हूती समर्थित अल-मसीराह टीवी ने की। रिपोर्टों के अनुसार, इजरायल ने तटीय शहर हुदैदा पर 12 बार हवाई हमले किए। हमले से पहले इजरायली सेना ने चेतावनी दी थी कि बंदरगाह और वहां खड़े जहाजों को तुरंत खाली कर दिया जाए। सेना के प्रवक्ता अविचाय अडरेई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'आपकी सुरक्षा के लिए तुरंत हुदैदा पोर्ट और आसपास के इलाकों को खाली करें।'
गाजा युद्ध के बाद का तनाव
गाजा युद्ध के बाद बढ़ा तनाव: इजरायल ने अक्टूबर 2023 में गाजा पर युद्ध छेड़ा था, जिसके बाद से हूतियों ने फिलिस्तीन के समर्थन में मिसाइल और ड्रोन हमले शुरू कर दिए। हूतियों ने लाल सागर में जहाजों और सीधे इजरायल के ठिकानों को भी निशाना बनाया। हाल ही में, हूतियों ने इलात शहर के रेमन एयरपोर्ट पर ड्रोन हमला किया था, जिसमें दो लोग घायल हो गए और हवाई अड्डे का संचालन कुछ घंटों के लिए ठप हो गया। इसके जवाब में, इजरायल लगातार यमन के बंदरगाहों, बिजलीघरों और आवासीय क्षेत्रों पर हमले कर रहा है।
नागरिकों पर प्रभाव
नागरिकों पर भारी असर: इन हवाई हमलों का सबसे बड़ा खामियाजा यमन के नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। बुधवार को राजधानी सना और अल-जौफ गवर्नरेट में हुए इजरायली हमलों में दर्जनों लोगों की जान चली गई। अगले दिन, इजरायल ने दावा किया कि उसने यमन से दागी गई एक मिसाइल को इंटरसेप्ट किया। वहीं, यमन की हूती सरकार ने कहा है कि इजरायल जानबूझकर नागरिकों को निशाना बना रहा है ताकि देश को अस्थिर किया जा सके।
हूथी नेतृत्व पर हमले
हूथी नेतृत्व पर हमले और बदले की चेतावनी: पिछले महीने, इजरायल ने सना में हूती प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी की हत्या कर दी थी। इस हमले में उनकी कैबिनेट के लगभग आधे सदस्य भी मारे गए। इसके बाद, हूतियों ने 'बदला लेने' की चेतावनी दी थी। हाल ही में, हूतियों के कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई इजरायल के खिलाफ जारी रहेगी और वे किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे। यह बयान संकेत देता है कि आने वाले दिनों में संघर्ष और तेज हो सकता है।