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इजरायल-हमास संघर्ष में बंधकों की अदला-बदली, ट्रंप का इजरायल दौरा

इजरायल-हमास संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है, जब बंधकों की अदला-बदली की प्रक्रिया शुरू हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इजरायल की यात्रा पर हैं, और इस समझौते का उद्देश्य युद्ध को समाप्त कर स्थायी शांति की दिशा में कदम बढ़ाना है। इजरायली सरकार ने 20 जीवित बंधकों की रिहाई की घोषणा की है, जबकि 250 फिलिस्तीनी कैदियों को भी रिहा किया जाएगा। जानें इस संघर्ष की पृष्ठभूमि और बंधकों की रिहाई की पूरी जानकारी।
 

संघर्ष का नया मोड़

तेल अवीव: इजरायल-हमास युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इजरायल की यात्रा पर निकल चुके हैं। इस बीच, इजरायल और हमास ने बंधकों के आदान-प्रदान की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच चल रहे संघर्ष को समाप्त कर स्थायी शांति की ओर बढ़ना है।


बंधकों की रिहाई

इजरायली सरकार की प्रवक्ता शोश बेड्रोसियन ने जानकारी दी है कि आज तीन अलग-अलग समूहों में 20 जीवित बंधकों को रिहा किया जाएगा, जबकि 28 मृत बंधकों के शव इजरायल को सौंपे जाएंगे। इसके बदले, इजरायल 250 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा।


युद्ध की पृष्ठभूमि

हमास ने 7 इजरायली बंधकों को रिहा किया, 13 और जल्द ही रिहा होंगे; ट्रंप इजरायल के लिए रवाना: यह संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ था, जब हमास ने इजरायल पर बड़ा हमला किया। तब से दोनों पक्षों को भारी जनहानि और नुकसान का सामना करना पड़ा है। मौजूदा शांति समझौता अमेरिका, मिस्र, कतर और तुर्की की मध्यस्थता से संभव हुआ है।


हमास का वादा

हमास के सशस्त्र विंग ने कहा है कि वे युद्धविराम और उसकी समयसीमा का पालन करेंगे, बशर्ते इजरायल भी अपने वादों पर कायम रहे। हमास के अनुसार, पहले चरण में उन्होंने 7 इजरायली बंधकों को अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस को सौंप दिया है। बंधकों की रिहाई के बाद इजराइल में जश्न मनाया जा रहा है। रविवार रात से इजराइली नागरिक राजधानी तेल अवीव में एकत्रित हो रहे हैं।


रिहा बंधकों की सूची

टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, जिन बंधकों को छोड़ा गया है, उनके नाम हैं – एतान मोर, गली और जिव बर्मन, मतान एंग्रिस्ट, ओमरी मिरान, गाय गिल्बोआ दलाल और एलन अहेल। सूत्रों के अनुसार, हमास का दूसरा समूह दोपहर करीब 1.30 बजे रिहा किया जाएगा। वहीं, जिन 250 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा जाना है, वे वेस्ट बैंक, जेरूसलम और विदेशों में अपने परिवारों के पास लौटेंगे।