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इजरायली सेना ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर किया बड़ा हमला

इजरायली सेना ने शनिवार को ईरान के सैन्य ठिकानों पर एक बड़ा हमला किया, जिसमें दो एफ-5 लड़ाकू विमानों को निशाना बनाया गया। इस हमले में 20 से अधिक आईएएफ लड़ाकू विमानों ने भाग लिया। अमेरिका ने भी इस अभियान में शामिल होकर ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर हमला किया। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित परिणाम।
 

इजरायली सेना का हवाई हमला

शनिवार को इजरायली सेना ने ईरान के खुज़स्तान प्रांत में स्थित देज़फुल हवाई अड्डे समेत एक दर्जन सैन्य ठिकानों पर हमला किया। इस हमले में दो एफ-5 लड़ाकू विमानों को भी निशाना बनाया गया, जो ईरान के पुराने लड़ाकू विमानों के बेड़े का हिस्सा हैं।


रविवार को इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) द्वारा जारी किए गए वीडियो में देखा गया कि कैसे उनके बलों ने हवाई अड्डे पर एक विमान को नष्ट किया। इसके अलावा, आठ लांचर भी तबाह कर दिए गए, जिनमें से छह इजरायली क्षेत्र की ओर मिसाइल दागने के लिए तैयार थे।


आईडीएफ ने बताया कि लगभग 20 आईएएफ लड़ाकू विमानों ने ईरान में कई सैन्य ठिकानों पर हमला किया। इन लक्ष्यों में विस्फोटक सामग्री, हथियारों के भंडारण और उत्पादन सुविधाएं शामिल थीं, साथ ही एक सैन्य साइट भी थी जो ईरानी हवाई रक्षा प्रणाली के घटकों को रखती थी।


अमेरिकी सैन्य कार्रवाई का प्रभाव


इजरायली सेना ने इस्फ़हान हवाई अड्डे पर भी सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया, ताकि ईरानी वायु सेना को इसके उपयोग से रोका जा सके। अमेरिका ने इजरायली सैन्य अभियान में शामिल होकर ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर भी हमला किया, जिससे तनाव और बढ़ गया।


अमेरिकी बी-2 स्पिरिट बमवर्षक विमानों ने मिसौरी से लगभग 37 घंटे की निरंतर उड़ान भरकर ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हमला किया। बंकर-बस्टर बम और टॉमहॉक मिसाइलों के संयोजन से किए गए ये हमले ईरान के खिलाफ अमेरिकी सैन्य कार्रवाई का एक महत्वपूर्ण कदम थे। राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी दी कि यदि ईरान ने इजराइल के साथ संघर्ष समाप्त नहीं किया, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।