इटावा में जातिगत हिंसा: कथावाचक और उनके सहायक के साथ अमानवीय व्यवहार
इटावा में जातिगत हिंसा की घटना
इटावा में जातिगत हिंसा: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के बकेवर थाना क्षेत्र के डंडारपुर गांव में एक गंभीर घटना सामने आई है, जिसने पूरे प्रदेश में हलचल मचा दी है। कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत कुमार यादव के साथ जाति के आधार पर बर्बरता की गई। आरोप है कि कुछ व्यक्तियों ने न केवल उनकी पिटाई की, बल्कि उनके बाल भी काट दिए।
घटना का विवरण
कथावाचक को महिला के पैर छूने और नाक रगड़ने के लिए मजबूर किया गया, और उन पर पेशाब भी फेंका गया। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई, जिसके बाद वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और लोगों में आक्रोश फैल गया।
अखिलेश यादव का बयान
अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया
इस मामले पर सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन और संविधान के मूल्यों के खिलाफ बताया।
अखिलेश ने कहा कि इटावा में कथावाचक और उनके सहयोगियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया क्योंकि उन्होंने अपनी जाति 'यादव' बताई थी। यह वर्चस्ववादी मानसिकता का एक शर्मनाक उदाहरण है।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस की कार्रवाई
वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। बकेवर थाने में मामला दर्ज किया गया है और चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आरोप गंभीर हैं और जांच चल रही है।
पीड़ितों की कहानी
पीड़ितों का बयान
पीड़ित संत कुमार यादव ने बताया कि वह कथावाचक का सहायक है और गांव में कथा सुनाने गया था। जाति बताने पर कुछ लोगों ने उन पर सवाल उठाए और अमानवीय व्यवहार किया। यह मामला प्रदेश की राजनीति में नई हलचल पैदा कर रहा है।