इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहुल गांधी को दिया बड़ा झटका, मामला आगे बढ़ा
अमेरिका में दिए गए बयान पर विवाद
US Statement Controversy: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को एक महत्वपूर्ण झटका देते हुए उनकी पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका वाराणसी की एमपी/एमएलए विशेष अदालत के आदेश को चुनौती देने के लिए दायर की गई थी। यह मामला पिछले वर्ष अमेरिका में राहुल गांधी द्वारा दिए गए एक बयान से संबंधित है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में सिखों को अपनी धार्मिक पहचान के साथ जीने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
मामला वाराणसी की अदालत में आगे बढ़ेगा
रिपोर्टों के अनुसार, इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद मामला अब वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट में आगे बढ़ेगा। राहुल गांधी ने 2024 में अमेरिका में अपने भाषण में कहा था कि भारत में सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता को खतरा है। उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या भारत में एक सिख को पगड़ी पहनने, कड़ा पहनने और गुरुद्वारे जाने की अनुमति मिलेगी। उनके इस बयान ने उस समय राजनीतिक विवाद को जन्म दिया था।
राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर की मांग
राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज
इस बयान पर आपत्ति जताते हुए वाराणसी के नागेश्वर मिश्रा ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। हालांकि, नवंबर 2024 में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) ने यह कहते हुए आवेदन खारिज कर दिया कि यह भाषण अमेरिका में दिया गया था और भारतीय न्यायालय के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
कानूनी झटका राहुल गांधी के लिए
राहुल गांधी के लिए बड़ा कानूनी झटका
इसके बाद विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए कोर्ट) ने मिश्रा की पुनरीक्षण याचिका को स्वीकार कर लिया और एसीजेएम को मामले को फिर से सुनने का निर्देश दिया। इसी आदेश के खिलाफ राहुल गांधी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने तर्क दिया था कि विशेष अदालत का यह आदेश 'गलत, गैरकानूनी और अधिकार क्षेत्र से बाहर' है। लेकिन अब हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की दलीलों को खारिज करते हुए मामले को वाराणसी की अदालत में आगे बढ़ाने का रास्ता साफ कर दिया है। कोर्ट का यह फैसला राहुल गांधी के लिए एक बड़ा कानूनी झटका माना जा रहा है। यह मामला भविष्य में उनके लिए राजनीतिक और कानूनी दोनों मोर्चों पर चुनौतियाँ उत्पन्न कर सकता है।