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इलॉन मस्क की टेस्ला भारत में शोरूम खोलेगी, लेकिन कार निर्माण की योजना नहीं

इलॉन मस्क की टेस्ला भारत में शोरूम खोलने की योजना बना रही है, लेकिन कंपनी ने स्पष्ट किया है कि वह यहाँ कार निर्माण नहीं करेगी। टेस्ला केवल अमेरिका से गाड़ियाँ आयात कर भारतीय बाजार में बेचेगी। जानें इस निर्णय के पीछे की वजह और भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण को लेकर केंद्र सरकार की नीति के बारे में।
 

टेस्ला की भारत में एंट्री

नई दिल्ली। दुनिया के सबसे धनी व्यवसायियों में से एक, इलॉन मस्क, भारत आने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यदि चीन की कंपनी बीवाईडी की गाड़ियाँ भारत में बिक सकती हैं, तो टेस्ला की गाड़ियाँ क्यों नहीं? हालांकि, असल में, वे भारत में कार निर्माण की फैक्ट्री स्थापित करने की योजना नहीं बना रहे हैं। उनका इरादा केवल भारत में शोरूम खोलकर गाड़ियाँ बेचना है। कंपनी ने भारत सरकार को सूचित किया है कि फिलहाल उनके पास कार निर्माण की कोई योजना नहीं है।


भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सोमवार को बताया कि टेस्ला केवल दो शोरूम खोलने की इच्छुक है और कार निर्माण में उनकी कोई रुचि नहीं है। कंपनी ने मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में शोरूम के लिए स्थान निर्धारित किया है और 25 से अधिक कर्मचारियों की भर्ती भी कर ली है, लेकिन भारत में कारखाना स्थापित करने की योजना अभी नहीं है। इलॉन मस्क की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला भारत में डायरेक्ट टू कस्टमर बिजनेस मॉडल अपनाएगी। इसका अर्थ है कि कंपनी भारत में कार बनाने के बजाय सीधे अमेरिका से आयात कर अपने भारतीय शोरूम से बेचेगी।


सूत्रों के अनुसार, टेस्ला कंपनी भारत में कारखाना लगाने और निर्माण का निर्णय भविष्य में लेगी। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण का केंद्र बनाने के अपने दृष्टिकोण के तहत पिछले साल मार्च में ईवी नीति, 'स्कीम फॉर प्रमोशन ऑफ मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक पैसेंजर कार्स इन इंडिया' को मंजूरी दी थी। इस नीति के तहत, सरकार ने विदेशी कार कंपनियों को भारतीय बाजार में प्रवेश देने के लिए आयात शुल्क को 70 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया है। इस छूट का लाभ विदेशी कंपनियाँ हर साल आठ हजार करों के आयात पर उठा सकती हैं।