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इसरो ने गगनयान मिशन के लिए पैराशूट परीक्षण में हासिल की सफलता

इसरो ने गगनयान मिशन के लिए पैराशूट सिस्टम के परीक्षण में सफलता हासिल की है, जो मानव अंतरिक्ष उड़ान की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। दिसंबर 2025 में किए गए इन परीक्षणों ने यह साबित किया कि गगनयान का डीसिलरेशन सिस्टम कठिन परिस्थितियों में भी विश्वसनीयता से कार्य कर सकता है। इस सफलता से 2026 में प्रस्तावित मानव रहित मिशन की तैयारी को मजबूती मिली है।
 

गगनयान मिशन की नई उपलब्धि

भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए इसरो ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार किया है। अंतरिक्ष एजेंसी ने क्रू मॉड्यूल को सुरक्षित रूप से धरती पर लाने के लिए आवश्यक पैराशूट सिस्टम के परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न कर लिए हैं।

दिसंबर 2025 में आयोजित इन परीक्षणों ने यह सिद्ध किया कि गगनयान का डीसिलरेशन सिस्टम कठिन परिस्थितियों में भी विश्वसनीयता से कार्य कर सकता है। यह उपलब्धि 2026 में प्रस्तावित मानव रहित मिशन की तैयारी को और अधिक सुदृढ़ बनाती है।


परीक्षण का स्थान और समय

कहां और कब हुए परीक्षण

गगनयान मिशन से संबंधित ये महत्वपूर्ण परीक्षण 18 और 19 दिसंबर 2025 को चंडीगढ़ में संपन्न हुए। यह परीक्षण डीआरडीओ की टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लैबोरेटरी के रेल ट्रैक रॉकेट स्लेज फैसिलिटी में आयोजित किए गए। इस विशेष सुविधा का उपयोग उच्च गति और दबाव जैसी स्थितियों का परीक्षण करने के लिए किया जाता है। इन दो दिनों में किए गए सभी परीक्षण अपने निर्धारित लक्ष्यों पर पूरी तरह खरे उतरे।


ड्रोप पैराशूट का महत्व

क्यों खास हैं ये ड्रोप पैराशूट

ड्रोप पैराशूट गगनयान मिशन के सबसे महत्वपूर्ण घटकों में से एक हैं। जब अंतरिक्ष यान पृथ्वी के वायुमंडल में तेजी से प्रवेश करता है, तब ये पैराशूट क्रू मॉड्यूल की गति को नियंत्रित करते हैं। इस चरण में यान सबसे अधिक अस्थिर और खतरनाक परिस्थितियों का सामना करता है। ड्रोप पैराशूट मॉड्यूल को स्थिर करते हैं और उसकी गति को सुरक्षित स्तर तक लाते हैं।


पैराशूट सिस्टम की कार्यप्रणाली

कैसे काम करता है पूरा पैराशूट सिस्टम

गगनयान क्रू मॉड्यूल में कुल 10 पैराशूट लगाए गए हैं, जो चार विभिन्न प्रकार के हैं। सबसे पहले दो एपेक्स कवर सेपरेशन पैराशूट खुलते हैं, जो पैराशूट कम्पार्टमेंट के कवर को हटाते हैं। इसके बाद दो ड्रोप पैराशूट सक्रिय होते हैं। इनके अलग होने के बाद तीन पायलट पैराशूट क्रम से सक्रिय होते हैं, जो अंततः तीन बड़े मुख्य पैराशूट्स को बाहर निकालते हैं।


सुरक्षित लैंडिंग की प्रक्रिया

सुरक्षित लैंडिंग की कुंजी

मुख्य पैराशूट्स क्रू मॉड्यूल की गति को काफी हद तक कम कर देते हैं, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित लैंडिंग संभव हो सके। चाहे पानी में स्प्लैशडाउन हो या जमीन पर टचडाउन, यह सिस्टम यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। दिसंबर में हुए परीक्षणों का उद्देश्य यह देखना था कि पैराशूट अत्यधिक दबाव और असामान्य परिस्थितियों में भी सही तरीके से कार्य करते हैं या नहीं।


साझा प्रयासों का परिणाम

बहु-एजेंसी सहयोग का नतीजा

इस परीक्षण अभियान में इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के साथ-साथ डीआरडीओ की एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट और टीबीआरएल की सक्रिय भागीदारी रही। इसरो ने इसे मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए गगनयान पैराशूट सिस्टम को योग्य ठहराने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है। यह सफलता दर्शाती है कि भारत का मानव अंतरिक्ष मिशन मजबूत तकनीक और साझा प्रयासों के माध्यम से आगे बढ़ रहा है।