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ई-सेवा केंद्र का उद्घाटन: न्यायिक प्रणाली को सुलभ बनाने की दिशा में एक कदम

चरखी दादरी में जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेश कुमार ने ई-सेवा केंद्र का उद्घाटन किया, जो न्यायिक प्रणाली को आम जनता के लिए अधिक सुलभ बनाने का प्रयास है। यह केंद्र वादियों की सभी अदालती जरूरतों को पूरा करने के लिए स्थापित किया गया है। उद्घाटन समारोह में न्यायिक अधिकारियों और अधिवक्ताओं की उपस्थिति ने इस पहल के महत्व को दर्शाया। ई-सेवा केंद्र न्यायिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और न्याय की तलाश करने वालों के लिए अनुभव को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
 

न्यायिक परिसर में ई-सेवा केंद्र का शुभारंभ



  • जन सुविधा हेतू न्यायिक परिसर में ई सेवा केन्द्र का किया गया शुभारंभ


(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेश कुमार ने जिला न्यायालय परिसर में ई-सेवा केंद्र का उद्घाटन किया। यह केंद्र न्याय तक पहुँच बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। उद्घाटन समारोह में सभी न्यायिक अधिकारी, बार एसोसिएशन के पदाधिकारी, वरिष्ठ अधिवक्ता और न्यायालय के कर्मचारी उपस्थित रहे।


जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेश कुमार के नेतृत्व में यह पहल जिला और उच्च न्यायालयों में ई-सेवा केंद्र स्थापित करने के उद्देश्य से एक व्यापक परियोजना का हिस्सा है, जो सर्वोच्च न्यायालय की ई-कमेटी द्वारा विकसित की गई है।


ई-सेवा केंद्र की विशेषताएँ

इसका मुख्य उद्देश्य सर्वोच्च न्यायालय की ई-कमेटी द्वारा अपने ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के तहत दी जाने वाली सेवाओं का उपयोग करना है, ताकि न्यायिक प्रणाली को आम जनता के लिए अधिक सुलभ बनाया जा सके। ई-सेवा केंद्र वादियों की सभी अदालती जरूरतों के लिए एक व्यापक केंद्र के रूप में कार्य करेगा, जिसे अधिकतम दृश्यता और पहुंच के लिए सार्वजनिक प्रवेश द्वार के पास स्थापित किया गया है।


जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेश कुमार ने कहा कि यह वादियों और अधिवक्ताओं दोनों को सशक्त बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न्यायिक प्रणाली की दक्षता और जवाबदेही को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ई-सेवा केंद्र से न्यायिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और न्याय की तलाश करने वालों के लिए समग्र अनुभव को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।


चरखी दादरी में उद्घाटन एक अधिक समावेशी और सुलभ न्याय प्रणाली की ओर प्रगति का प्रतीक है। यह न्यायपालिका और आम नागरिकों के बीच की खाई को पाटने के प्रयासों को दर्शाता है। ई-सेवा केंद्र की स्थापना एक ऐसे भविष्य की ओर एक सक्रिय कदम है जहाँ तकनीक न्यायिक प्रक्रियाओं का समर्थन करती है।