ईडी ने रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप पर की बड़ी कार्रवाई, 42 संपत्तियां जब्त
नई दिल्ली में ईडी की कार्रवाई
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) की धारा 5(1) के तहत रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है।
42 संपत्तियों की जब्ती
ईडी ने समूह से संबंधित 42 संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त किया है, जिनकी कुल कीमत ₹3,083 करोड़ से अधिक है। ये संपत्तियां देश के विभिन्न प्रमुख शहरों में फैली हुई हैं, जैसे कि मुंबई, दिल्ली, नोएडा, चेन्नई और हैदराबाद।
जब्त संपत्तियों की सूची
ईडी के अनुसार, जब्त की गई संपत्तियों में मुंबई के पाली हिल में एक भव्य आवास, नई दिल्ली के महाराजा रणजीत सिंह रोड पर रिलायंस सेंटर, और अन्य वाणिज्यिक व आवासीय परिसरों के साथ-साथ बड़े भूखंड शामिल हैं। एजेंसी ने बताया कि इनमें रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की 30 संपत्तियां और आधार प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड की 5 संपत्तियां शामिल हैं।
धन के दुरुपयोग के आरोप
जांच में यह सामने आया है कि रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप की कई कंपनियों, जैसे रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (RCOM), रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL), और अन्य ने सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया। 2010 से 2012 के बीच, समूह की कंपनियों ने भारतीय बैंकों से हजारों करोड़ रुपये के ऋण लिए थे, जिनमें से लगभग ₹19,694 करोड़ अब भी बकाया हैं।
फर्जी लेनदेन का खुलासा
ईडी की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि एक कंपनी द्वारा लिए गए लोन का उपयोग दूसरी कंपनियों के कर्ज चुकाने में किया गया। इसके अलावा, कई रकम संबंधित पार्टियों को ट्रांसफर की गईं या म्यूचुअल फंड में निवेश के माध्यम से घुमाई गईं, जो बैंकों की मंजूरी की शर्तों का उल्लंघन था।
अनियमितताओं का खुलासा
जांच में यह भी पाया गया कि लगभग ₹13,600 करोड़ पुराने कर्ज चुकाने में खर्च किए गए, जबकि ₹12,600 करोड़ से अधिक राशि संबंधित कंपनियों को ट्रांसफर की गई। इसके अलावा, ₹1,800 करोड़ से अधिक म्यूचुअल फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश किए गए, जिन्हें बाद में अन्य संबद्ध कंपनियों में स्थानांतरित कर दिया गया।
विदेशों में धन का प्रवाह
ईडी की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि बिल डिस्काउंटिंग के माध्यम से धन को गलत तरीके से संबंधित पार्टियों तक पहुंचाया गया। कुछ रकम विदेशी खातों में ट्रांसफर किए जाने के सबूत भी मिले हैं। एजेंसी का कहना है कि यह कार्रवाई रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।