ईरान-इजराइल संघर्ष में अमेरिका की नई भूमिका
अमेरिका का ईरान पर हमला
वाशिंगटन। ईरान और इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष में अमेरिका ने भी अपनी भागीदारी बढ़ा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की है कि अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर हमले किए हैं, जिनमें फोर्डो, नतांज और एस्फाहान शामिल हैं।
ट्रम्प ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर कहा, "सभी विमान अब ईरान के हवाई क्षेत्र से बाहर हैं। फोर्डो पर बमों का पूरा पेलोड गिराया गया है।" उन्होंने यह भी कहा कि ईरान को इस युद्ध को समाप्त करने के लिए सहमत होना चाहिए। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए ने इन हमलों की पुष्टि की है। सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक ईरानी टेलीविजन टिप्पणीकार ने कहा, "आपने इसे शुरू किया और हम इसे समाप्त करेंगे।"
फोर्डो, नतांज और एस्फाहान न्यूक्लियर साइटों का विनाश
राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने टेलीविजन संबोधन में कहा, "ये हमले एक शानदार सैन्य सफलता थे। ईरान की प्रमुख परमाणु संवर्धन सुविधाएं पूरी तरह से नष्ट कर दी गई हैं। मध्य पूर्व में ईरान को अब शांति स्थापित करनी चाहिए। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो भविष्य में हमले और भी बड़े और आसान होंगे।"
सीएनएन ने बताया कि ट्रम्प ईरान पर और हमलों की योजना नहीं बना रहे हैं और वे चाहते हैं कि तेहरान बातचीत की मेज पर लौटे। सीबीएस न्यूज ने कहा कि अमेरिका ने शनिवार को कूटनीतिक रूप से ईरान से संपर्क किया और कहा कि ये हमले सभी अमेरिकी योजनाओं के तहत हैं और शासन परिवर्तन का प्रयास नहीं किया जा रहा है।
ईरान की प्रतिशोध की चेतावनी
ईरान और इजराइल के बीच युद्ध में अमेरिका की एंट्री से स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है। ईरान ने कहा है कि वह अमेरिका से इस हमले का बदला जरूर लेगा। दूसरी ओर, ट्रम्प ने ईरान को चेतावनी दी है कि यदि वह शांति के रास्ते पर नहीं आया और अमेरिका पर प्रतिशोध की कार्रवाई की, तो उसके खिलाफ एक बड़ा और भयावह हमला किया जाएगा।