×

ईरान-इजरायल तनाव: अमेरिका की मध्यस्थता से हुआ युद्धविराम

हाल ही में ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव ने वैश्विक चिंता को जन्म दिया। जब इजरायल ने ईरान पर हवाई हमले किए, तो यह आशंका जताई गई कि यह टकराव एक बड़े युद्ध में बदल सकता है। लेकिन अमेरिका की मध्यस्थता से स्थिति को नियंत्रित किया गया और दोनों देशों के बीच युद्धविराम स्थापित हुआ। जानें इस घटनाक्रम में अमेरिका की भूमिका और नेतन्याहू तथा ईरान के प्रतिक्रियाओं के बारे में।
 

तनाव का बढ़ता स्तर

ईरान और इजरायल के बीच हाल के दिनों में तनाव में वृद्धि ने वैश्विक चिंता को जन्म दिया। जब इजरायल ने ईरान पर हवाई हमले किए, तो यह आशंका जताई गई कि यह टकराव एक बड़े युद्ध में बदल सकता है। हालांकि, अमेरिका की मध्यस्थता से स्थिति को नियंत्रित किया गया और दोनों देशों के बीच युद्धविराम स्थापित हुआ।


इस घटनाक्रम में अमेरिका की भूमिका महत्वपूर्ण रही। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान में कहा कि जब स्थिति बिगड़ रही थी, तब उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से संपर्क करने का सुझाव दिया।


ट्रंप का इशारा था कि नेतन्याहू से बातचीत करके इस टकराव को रोका जा सकता है। यह माना जा रहा है कि अमेरिका ने दोनों देशों के बीच कई स्तरों पर बातचीत की, जिससे स्थिति और बिगड़ने से बची।


व्हाइट हाउस ने भी पुष्टि की कि अमेरिका ने तनाव को कम करने के लिए दोनों पक्षों पर दबाव डाला। अमेरिकी अधिकारियों ने ईरान और इजरायल से संयम बरतने की अपील की और आगे की किसी भी कार्रवाई से बचने को कहा।


युद्धविराम के बाद, नेतन्याहू ने कहा कि “हमने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है, अब हमें सतर्क रहना होगा।” वहीं, ईरान ने भी कहा कि वे फिलहाल संघर्ष को और बढ़ाना नहीं चाहते।


यह घटना स्पष्ट करती है कि अमेरिका मध्य-पूर्व की राजनीति में एक प्रमुख खिलाड़ी बना हुआ है। ट्रंप की एक टिप्पणी – ‘बीबी को फोन लगाओ’ – अब चर्चा का विषय बन गई है।