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ईरान-इजरायल संघर्ष: खैबरशेकन मिसाइलों का प्रभावी हमला

ईरान और इजरायल के बीच चल रहे सैन्य संघर्ष में ईरान ने खैबरशेकन मल्टी-वॉरहेड बैलिस्टिक मिसाइलों से इजरायल के 10 प्रमुख शहरों पर हमला किया है। इस हमले ने इजरायल की 'आयरन डोम' रक्षा प्रणाली को चुनौती दी है। जानें इस मिसाइल की ताकत, गति और इजरायल को हुए नुकसान के बारे में। क्या ईरान इस संघर्ष में इजरायल को कड़ी टक्कर दे रहा है? पूरी जानकारी के लिए पढ़ें।
 

ईरान और इजरायल के बीच बढ़ता सैन्य तनाव

ईरान-इजरायल संघर्ष की ताजा जानकारी: ईरान और इजरायल के बीच चल रहा सैन्य संघर्ष अब एक गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है। ईरान ने अपने 20वें जवाबी हमले में इजरायल के 10 प्रमुख शहरों को एक साथ निशाना बनाते हुए 'खैबरशेकन' मल्टी-वॉरहेड बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन का समन्वित हमला किया। ये बैलिस्टिक मिसाइलें 'चालबाजों' की तरह कार्य करती हैं, जिससे इजरायल की अत्याधुनिक 'आयरन डोम' रक्षा प्रणाली इन हमलों को पूरी तरह से रोकने में असफल रही है।


खैबरशेकन मिसाइलों की विशेषताएँ

खैबरशेकन मिसाइलों की ताकत

'खैबरशेकन' का अर्थ है 'खैबर को तोड़ने वाला' (खैबर एक ऐतिहासिक यहूदी किला था)। इस मिसाइल का नामकरण ईरान ने इजरायल को प्रतीकात्मक चुनौती देने के लिए किया है। इसकी रेंज 1,450 किलोमीटर है, जो इजरायल और कुछ यूरोपीय स्थानों को कवर करती है। इसकी खासियत यह है कि इसमें एक ही मिसाइल में 3 से 5 वॉरहेड लगाए जा सकते हैं, जो अलग-अलग लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम हैं।


मिसाइल की गति और तकनीक

मिसाइल की गति

यह मिसाइल ध्वनि की गति से तीन गुना अधिक गति से चलती है, जिससे दुश्मन के रडार इसे ट्रैक करने में असफल हो सकते हैं। इसमें सॉलिड फ्यूल तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे इसे अचानक और कम समय में लॉन्च किया जा सकता है। खैबरशेकन टर्मिनल चरण में दिशा बदलने में भी सक्षम है, जिससे यह इजरायली वायु रक्षा प्रणालियों को चकमा देने में सफल होती है।


इजरायल को हुए नुकसान का आकलन

इजरायल पर हमलों का प्रभाव

ईरान ने अपने 20वें मिसाइल हमले में इजरायल के कई महत्वपूर्ण रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें बेन गुरियन इंटरनेशनल एयरपोर्ट शामिल है, जिसने उड़ान संचालन को बाधित किया। इसके अलावा, एक जैविक अनुसंधान केंद्र पर भी हमला किया गया, जो संभावित रूप से गुप्त वैज्ञानिक परियोजनाओं से जुड़ा हुआ है। सैन्य बैकअप कमांड हब को भी निशाना बनाया गया, जिससे इजरायली सेना की संचार और रणनीतिक नियंत्रण क्षमता प्रभावित हुई।


ईरान की रणनीति और इजरायल की प्रतिक्रिया

इससे पहले, 18वीं और 19वीं मिसाइल हमलों में हाइफा और तेल अवीव जैसे प्रमुख शहरों में स्थित एआई अनुसंधान कार्यालयों, साइबर कमांड सेंटरों और सैन्य-औद्योगिक बुनियादी ढांचे को भी निशाना बनाया गया था। इन सटीक हमलों से यह स्पष्ट होता है कि ईरान भी युद्ध में इज़राइल को कड़ी टक्कर दे रहा है।