ईरान-इजरायल संघर्ष: जनरलों की मौत और परमाणु संयंत्र पर हमले की नई जानकारी
मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव
मध्य पूर्व में हालात और भी बिगड़ गए हैं, जब ईरान ने शनिवार को यह पुष्टि की कि इजरायल के हवाई हमलों में उसके दो वरिष्ठ जनरल मारे गए हैं। यह घटना तब हुई जब तेल अवीव पर ईरानी मिसाइलों और रॉकेटों से हमले किए गए, जिससे यरुशलम और अन्य इजरायली क्षेत्रों में विस्फोटों की आवाजें सुनाई दीं।
इजरायल के हमलों की नई लहर
इजरायल के हवाई हमलों की यह ताजा लहर एक दिन बाद आई, जब इजरायल ने ईरान के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा हमला किया था। इस हमले में ईरान के परमाणु स्थलों को निशाना बनाया गया, जिसमें कई उच्च सैन्य अधिकारी मारे गए और महत्वपूर्ण ढांचों को नुकसान पहुंचा। इसके बाद इजरायली सेना ने तेहरान पर हमलों का तीसरा चरण शुरू किया, जिसमें कई स्थानों पर विस्फोटों की सूचना मिली।
ईरान के दो शीर्ष जनरलों की मौत
सरकारी मीडिया के अनुसार, ईरान की सशस्त्र सेना के जनरल स्टाफ के खुफिया उप प्रमुख जनरल घोलमरेजा मेहराबी और ऑपरेशंस के उप प्रमुख जनरल मेहदी रब्बानी हमलों में मारे गए हैं। ईरानी रिपोर्टों के मुताबिक, फोर्डो परमाणु संयंत्र को भी कुछ हद तक नुकसान पहुंचा है। ISNA समाचार एजेंसी ने बताया कि संयंत्र के कुछ हिस्सों को नुकसान हुआ, लेकिन कोई बड़ा खतरा या रेडिएशन फैलाव नहीं हुआ है।
परमाणु संयंत्र पर हुआ हमला
रिपोर्ट के अनुसार, परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रवक्ता बेहरोज कमालवंदी ने कहा कि संयंत्र के संवर्धन स्थल के कुछ हिस्से प्रभावित हुए हैं, लेकिन उपकरण और सामग्री पहले ही सुरक्षित स्थान पर ले जाई जा चुकी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि व्यापक क्षति नहीं हुई और कोई संदूषण का खतरा नहीं है।
अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु विवाद
यह हमला ऐसे समय में हुआ जब अमेरिका ईरान को परमाणु समझौते पर फिर से हस्ताक्षर करने के लिए दबाव डाल रहा है। पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यदि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर समझौता नहीं करता, तो इजरायली हमले और तेज हो सकते हैं। ईरान ने इस बीच कहा कि इजरायली हमलों के बाद अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता 'बेकार' है।
इजरायल का हमला
इजरायल ने स्वीकार किया है कि यह हमला नवंबर 2024 से योजना में था, जो हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद तेज हुआ। इस ऑपरेशन में इजरायल ने ड्रोन और युद्धक विमानों का इस्तेमाल किया, जिनसे परमाणु सुविधाओं और सैन्य नेताओं को निशाना बनाया गया। शुक्रवार को हुए हमलों में ईरान के तीन प्रमुख सैन्य अधिकारी—जनरल मोहम्मद बाघेरी, जनरल हुसैन सलामी और जनरल आमिर अली हाजीजादेह—की मृत्यु हुई।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से शांति स्थापित करने और हमले रोकने का आग्रह किया है। वहीं, इजरायल के संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधि ने कहा कि उनका देश तब तक कार्रवाई जारी रखेगा जब तक ईरान से खतरे पूरी तरह खत्म नहीं हो जाते।
भारत की भूमिका
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर इस स्थिति की जानकारी साझा की। नेतन्याहू विश्व नेताओं से समर्थन जुटाने में लगे हैं। भारत ने स्थिति पर गहरी चिंता जताई है और दोनों पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया है।