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ईरान-इजरायल संघर्ष: ट्रंप की चेतावनी और वैश्विक प्रतिक्रिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को परमाणु कार्यक्रम को लेकर कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने हाल के हमलों को 'ऐतिहासिक सैन्य सफलता' बताया और ईरान के सर्वोच्च नेता ने अमेरिका के हमलों की निंदा की। सीजफायर के बावजूद, ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यदि ईरान ने यूरेनियम संवर्धन को फिर से शुरू किया, तो अमेरिका तुरंत कार्रवाई करेगा। जानें इस संघर्ष पर वैश्विक प्रतिक्रिया और आगे की संभावनाएं।
 

ईरान को ट्रंप की कड़ी चेतावनी

ईरान-इजरायल युद्ध: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीनेट में ईरान को एक बार फिर सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को फिर से शुरू करने की कोशिश की, तो अमेरिका बिना किसी संकोच के उसकी परमाणु स्थलों पर बमबारी करेगा। यह बयान व्हाइट हाउस में शुक्रवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया गया, जहां ट्रंप ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हाल के हमलों को 'ऐतिहासिक सैन्य सफलता' बताया।


ईरान पर हाल के हमले

22 जून 2025 को अमेरिकी वायुसेना के बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स ने ईरान की तीन प्रमुख परमाणु साइट्स, नतांज, इस्फहान और फोर्डो पर बंकर-बस्टर बमों से हमला किया। इस ऑपरेशन को 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' नाम दिया गया, जिसमें 420,000 पाउंड विस्फोटकों का उपयोग किया गया। ट्रंप ने कहा कि इन हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। हालांकि, अमेरिकी खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, ईरान की परमाणु क्षमता केवल कुछ महीनों के लिए प्रभावित हुई है, और कुछ सेंट्रीफ्यूज अभी भी कार्यरत हैं।


ईरान का प्रतिरोध और तनाव

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिकी हमलों की निंदा करते हुए कहा कि ईरान 'समर्पण करने वाला राष्ट्र नहीं है।' उन्होंने कतर में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मिसाइल हमले को अमेरिका के मुंह पर तमाचा बताया। हालांकि, ट्रंप ने इन हमलों को कमजोर बताते हुए कहा कि ईरान की 14 मिसाइलों में से 13 को हवा में ही नष्ट कर दिया गया। ईरान ने यह भी दावा किया कि उसने हमलों से पहले अपनी परमाणु साइट्स से 400 किलोग्राम यूरेनियम को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया था, जिसे ट्रंप ने 'फर्जी खबर' करार दिया।


सीजफायर और भविष्य की चेतावनी

ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों तक चले संघर्ष के बाद हाल ही में सीजफायर की घोषणा की गई। ट्रंप ने इसे अपनी कूटनीतिक जीत बताया, लेकिन ईरानी अधिकारियों ने युद्धविराम पर सहमति से इनकार किया। ट्रंप ने सीनेट में स्पष्ट किया कि यदि ईरान ने यूरेनियम संवर्धन को फिर से शुरू किया, तो अमेरिका तुरंत सैन्य कार्रवाई करेगा। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) से ईरानी साइटों पर निरीक्षण की मांग भी दोहराई।


वैश्विक प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव के बयान ने, जिसमें उन्होंने कुछ देशों द्वारा ईरान को परमाणु हथियार देने की संभावना जताई, ट्रंप को भड़का दिया। ट्रंप ने इसे 'गैर-जिम्मेदाराना' बयान बताया और अपनी उन्नत परमाणु पनडुब्बियों का जिक्र करते हुए रूस को चेतावनी दी।