ईरान-इजरायल संघर्ष में अमेरिकी हस्तक्षेप से बढ़ा तनाव
ईरान-इजरायल संघर्ष में अमेरिकी वायुसेना की बमबारी
ईरान-इजरायल संघर्ष: रविवार, 22 जून को, अमेरिकी वायुसेना ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों - फोर्डो, इस्फहान और नतांज पर बमबारी की। ट्रंप के इस निर्णय ने मध्य पूर्व और वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी है, जिसका मुख्य कारण ईरान के प्रॉक्सी समूह हैं।
कताइब हिजबुल्लाह की चेतावनी
इराकी आतंकवादी संगठन कताइब हिजबुल्लाह ने चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका इजरायल-ईरान संघर्ष में हस्तक्षेप करता है, तो वह अमेरिकी सैनिकों पर हमले शुरू कर देगा। इस स्थिति में, ईरान भी पलटवार कर सकता है और अमेरिकी सैनिकों को अपना लक्ष्य बना सकता है।
अमेरिकी सैनिकों के लिए खतरा
अमेरिकी सैनिकों पर मंडरा रहा है खतरा!
ईरान अपनी खतरनाक खोर्रमशहर-4 मिसाइलों का उपयोग अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ कर सकता है। इजरायल इन मिसाइलों को रोकने में असफल रहा है। इसके अलावा, कतर की राजधानी दोहा से लगभग 20 मील दक्षिण में अल उदीद एयर बेस पर यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM) का मुख्यालय है, जो ईरान से केवल 300 मील की दूरी पर स्थित है।
ईरान के निशाने पर अमेरिकी ठिकाने
ईरान की जद में हैं ये अमेरिकी ठिकाने
फॉक्स न्यूज के अनुसार, कुवैत में कई अमेरिकी सैन्य ठिकाने ईरान के दक्षिणी सिरे के निकट हैं। इराक में अल-असद एयर बेस और नेवल सपोर्ट एक्टिविटी बहरीन भी ईरान के निशाने पर हैं।
ईरान की चेतावनी
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने पहले ही चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका हमला करता है, तो इसके परिणाम विनाशकारी होंगे।
मध्य पूर्व में अमेरिकी सैनिकों की संख्या
फॉक्स न्यूज के अनुसार, अमेरिका के लगभग 40,000 सैनिक और डिफेंस डिपार्टमेंट के कर्मचारी मध्य पूर्व के विभिन्न देशों में तैनात हैं। इनमें से सबसे बड़ी संख्या कुवैत में है, जहां 13,500 सैनिक विभिन्न ठिकानों पर तैनात हैं।
कतर में अमेरिकी सैन्य ठिकाना
कतर में अमेरिका का सबसे महत्वपूर्ण ठिकाना अल उदीद एयर बेस है, जो CENTCOM का फॉरवर्ड हेडक्वार्टर है। यहां अमेरिकी वायुसेना की 379वीं एयर एक्सपीडिशनरी विंग तैनात है।