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ईरान-इजरायल संघर्ष में बढ़ती तनाव की स्थिति

ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष ने एक गंभीर मोड़ ले लिया है, जिसमें ईरान ने इजरायल पर मिसाइलों से हमला किया है। इजरायल ने भी जवाबी कार्रवाई की है, और प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा है कि यह संघर्ष तब तक खत्म नहीं होगा जब तक ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई की हत्या नहीं होती। दोनों देशों के बीच स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही है, और नागरिकों को एक बड़े संघर्ष के लिए तैयार रहने की सलाह दी गई है। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और क्या हो सकता है आगे।
 

संघर्ष की गंभीरता

ईरान और इजरायल के बीच का संघर्ष अब एक गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है। ईरान ने इजरायल पर चार दिनों से हवाई हमले करने का आरोप लगाते हुए 400 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। इसके जवाब में, इजरायल ने सोमवार शाम को तेहरान में एक सरकारी न्यूज चैनल की इमारत पर बमबारी की। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस स्थिति पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है।


नेतन्याहू ने कहा कि यह संघर्ष तब तक समाप्त नहीं होगा जब तक ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई की हत्या नहीं हो जाती। उन्होंने एक इंटरव्यू में स्पष्ट किया कि इजरायल की सैन्य कार्रवाई का उद्देश्य संघर्ष को समाप्त करना है, न कि इसे बढ़ाना।


इस बीच, दोनों देशों के बीच मिसाइलों का आदान-प्रदान जारी है, जिससे नागरिकों को भी खतरा हो रहा है। स्थिति अब नियंत्रण से बाहर होती जा रही है, और दोनों देशों ने अपने नागरिकों को एक बड़े संघर्ष के लिए तैयार रहने की सलाह दी है।


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के सर्वोच्च नेता को निशाना बनाने की इजरायल की योजना को अस्वीकार कर दिया था, जिसके बाद नेतन्याहू ने खामेनी को खत्म करने की बात की। उन्होंने कहा कि इससे संघर्ष बढ़ने के बजाय समाप्त होगा। हालांकि, ट्रम्प को इस बात का डर था कि इससे स्थिति और बिगड़ सकती है।


ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने नेतन्याहू पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि ट्रम्प वास्तव में मध्यस्थता करना चाहते हैं, तो उन्हें इजरायल की सैन्य कार्रवाई को तुरंत रोकने का निर्देश देना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अन्यथा ईरान जवाबी कार्रवाई जारी रखेगा।