ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष: ट्रंप के सीजफायर दावे का खंडन
ट्रंप का सीजफायर दावा और प्रतिक्रिया
ईरान और इजरायल पर ट्रंप का दावा: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर की घोषणा की, लेकिन दोनों देशों ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया। ट्रंप ने खुद को मसीहा बताते हुए और अमेरिका को एक सुपरपावर के रूप में पेश करते हुए लगभग 10 ट्वीट किए हैं, जबकि ईरान और इजरायल ने उनकी बातों को गलत साबित करने की कोशिश की है। सीजफायर के बीच, ईरान ने इजरायल पर एक बार फिर से हमला किया है।
संघर्ष की शुरुआत और स्थिति
12 जून को दोनों देशों के बीच युद्ध की शुरुआत हुई। 10वें दिन अमेरिका ने हस्तक्षेप किया, और 12वें दिन ईरान ने अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला किया। इस बीच, ट्रंप ने सीजफायर का दावा किया। इजरायल का कहना है कि ईरान को हमले रोकने होंगे, तभी वे पीछे हटेंगे। वहीं, ईरान का कहना है कि इजरायल को पहले हमले बंद करने होंगे। ईरान के विदेश मंत्री ने सीजफायर के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया है।
ईरान का नया हमला
ट्रंप के सीजफायर की घोषणा के बाद भी, ईरान ने इजरायल पर 4 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से एक बीर्शेबा में गिरी। इस हमले में लगभग 22 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 3 की मौत हो गई है। इजरायल के कई शहरों में सायरन बज रहे हैं। यह ईरान का इजरायल पर 12 दिन में 25वां हमला है। नेतन्याहू सरकार ने नागरिकों को बंकर में रहने की सलाह दी है।
ईरान की प्रतिक्रिया
ईरान ने ट्रंप के सीजफायर के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि ईरान को युद्धविराम का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इजरायल के हमले बंद करने पर ही ईरान अपने सैन्य अभियान को रोकने पर विचार करेगा।
इजरायल की स्थिति
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, इजरायल की सेना ने सीजफायर पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है। उनका कहना है कि जब तक ईरान हमले करता रहेगा, इजरायल भी जवाबी कार्रवाई करेगा। इजरायल के सैन्य अधिकारियों का कहना है कि उनका लक्ष्य ईरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट करना है, लेकिन कई ठिकानों पर अभी भी हमला करना बाकी है। इसलिए, संघर्ष की स्थिति बनी हुई है।