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ईरान का इजरायली मोसाद पर बैलिस्टिक मिसाइल हमला: तनाव में वृद्धि

ईरान ने हाल ही में इजरायल के मोसाद खुफिया मुख्यालय पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। इस हमले में कम से कम 20 मिसाइलें दागी गईं, जिससे इजरायल के कई क्षेत्रों में सायरन बजने लगे। इजरायली अधिकारियों का कहना है कि हमले का निशाना मोसाद की इमारत थी, जबकि ईरानी मीडिया इसे भ्रामक जानकारी बताता है। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
 

ईरान का हमला

ईरान ने इजरायल के तेल अवीव में स्थित गिलिलोट में मोसाद की खुफिया इमारत पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया है। रिपोर्टों के अनुसार, इस हमले में कम से कम एक ईरानी मिसाइल का उपयोग किया गया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। 17 जून को, इजरायली रक्षा बलों ने ईरान से इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलों की बौछार देखी। इस दौरान सायरन बजने लगे और हवाई सुरक्षा को सक्रिय किया गया। उत्तरी से लेकर दक्षिणी इजरायल तक, कई क्षेत्रों में सायरन की आवाज सुनाई दी।


हमले का विवरण

इजरायली अधिकारियों के अनुसार, 17 जून को ईरान द्वारा मध्य इजरायल पर कम से कम 20 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं। इस दौरान, तेल अवीव के उत्तर में रमत हशरोन में मोसाद की इमारत के पास कई विस्फोट हुए। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में मोसाद इमारत के पूर्व में सड़क के दोनों ओर दो बड़े विस्फोट दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या हमले का निशाना मोसाद की इमारत थी।


मिसाइल हमलों का प्रभाव

रिपोर्टों में यह भी उल्लेख किया गया है कि इन मिसाइल हमलों में मोसाद का मुख्यालय और यूनिट 8200 के कुछ गुप्त ठिकानों को भी नुकसान पहुंचा। यूनिट 8200 इजरायल की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और खुफिया इकाई है, जो साइबर युद्ध और डेटा इंटेलिजेंस में माहिर मानी जाती है। इजरायली रक्षा प्रतिष्ठान ने इन हमलों को बस स्टैंड या पार्किंग क्षेत्र को हुए नुकसान के रूप में पेश किया है, जबकि ईरानी मीडिया का कहना है कि यह जानकारी भ्रामक है और हमले का असली निशाना रणनीतिक और खुफिया ठिकाने थे।