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ईरान के राष्ट्रपति का संयुक्त राष्ट्र में भाषण: अमेरिका और इजरायल पर गंभीर आरोप

ईरान के राष्ट्रपति पेजिस्कियान ने संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण में अमेरिका और इजरायल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने ईरान पर हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया और महिलाओं और बच्चों की हत्या की निंदा की। इसके अलावा, उन्होंने नए प्रतिबंधों की संभावनाओं पर भी चर्चा की। जानें इस भाषण की मुख्य बातें और ईरान के राजनयिक कदमों के बारे में।
 

ईरान के राष्ट्रपति का प्रभावशाली भाषण

संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राष्ट्रपति पेजिस्कियान के भाषण ने वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है। 193 देशों के समक्ष उन्होंने जो बातें साझा की हैं, उनकी चर्चा मिडिल ईस्ट से लेकर यूरोप तक हो रही है। इस भाषण में पेजिस्कियान ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डाला। उन्होंने अमेरिका और इजरायल पर गंभीर आरोप लगाए, यह कहते हुए कि ईरान पर हुए हमले अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन हैं। ईरान के नागरिकों, विशेषकर बच्चों, महिलाओं, सैन्य अधिकारियों और वैज्ञानिकों की हत्या की गई है। पेजिस्कियान ने गाजा, सीरिया, यमन और लेबनान का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में जो घटनाएं हुई हैं, वे नरसंहार के समान हैं। उन्होंने इस पर कड़ी आलोचना की और कहा कि महिलाओं और बच्चों की हत्या की जा रही है। 


रूस-चीन की कोशिशें विफल

रूस-चीन की कोश्श नाकाम

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के कारण उस पर तत्काल प्रतिबंध लगाने के लिए कुछ देशों के अंतिम प्रयास को खारिज कर दिया। यह निर्णय उस समय लिया गया जब पश्चिमी देशों ने कहा कि कई हफ्तों की बैठकों के बावजूद कोई ठोस समझौता नहीं हो सका। ईरान पर प्रतिबंध न लगाने का प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में ईरान के निकटतम सहयोगी रूस और चीन द्वारा पेश किया गया था। 


नए प्रतिबंधों की संभावनाएं

क्या होंगे नए प्रतिबंध?

हथियारों पर रोक
यूरेनियम संवर्धन पर प्रतिबंध
परमाणु हथियार ले जाने योग्य मिसाइलों पर रोक
संपत्ति फ्रीज और यात्रा पर पाबंदी
ईरान एयर और ईरान शिपिंग लाइन्स की तलाशी का अधिकार


फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन से राजदूत वापस बुलाए

फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन से राजदूत वापस बुलाए

ईरान ने 27 सितंबर, 2025 को अपने परमाणु कार्यक्रम से संबंधित संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के फिर से लागू होने से पहले फ्रांस, जर्मनी और यूनाइटेड किंगडम से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया। इन देशों ने ईरान पर अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के साथ सहयोग न करने और अमेरिका के साथ सीधी बातचीत न करने के कारण प्रतिबंध लगाए हैं। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने इस कदम की जानकारी देते हुए कहा कि राजदूतों को परामर्श के लिए वापस बुलाया गया है।