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ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई की पहली सार्वजनिक उपस्थिति: अशूरा के मौके पर दिखे

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने शनिवार को अशूरा के अवसर पर पहली बार सार्वजनिक रूप से उपस्थिति दर्ज कराई। यह उनकी पहली उपस्थिति है जब से इजरायल के साथ संघर्ष शुरू हुआ था। खामेनेई की यह उपस्थिति राजनीतिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जानें इस घटना के पीछे की कहानी और ईरान में इसके प्रभाव के बारे में।
 

खामेनेई की पहली सार्वजनिक उपस्थिति

ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई: शनिवार को तेहरान में अयातुल्ला अली खामेनेई ने महीनों बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वे एक धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होने पहुंचे, जो इजरायल के साथ संघर्ष के बाद उनकी पहली सार्वजनिक उपस्थिति है।


सूत्रों के अनुसार, इजरायल के साथ 12 दिनों तक चले हवाई संघर्ष के बाद खामेनेई ने एक सुरक्षित स्थान पर रहना उचित समझा। इस टकराव में ईरान के कई प्रमुख सैन्य अधिकारी और परमाणु विशेषज्ञ मारे गए थे, जिससे उनकी यह उपस्थिति राजनीतिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बन गई है।


अशूरा के अवसर पर खामेनेई

रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को राज्य टेलीविजन ने एक वीडियो प्रसारित किया, जिसमें खामेनेई को एक बड़े सभागार में प्रवेश करते हुए दिखाया गया। यह सभा अशूरा के अवसर पर आयोजित की गई थी, जो शिया मुस्लिम कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण दिन है।




वीडियो में देखा गया कि खामेनेई पारंपरिक काले वस्त्रों में हॉल में प्रवेश करते हैं, जहां उपस्थित लोग धार्मिक नारे लगाते हैं। यह वही स्थान है जहां ईरान सरकार के महत्वपूर्ण धार्मिक और राजकीय कार्यक्रम आयोजित होते हैं।


संघर्ष के बाद खामेनेई की पहली झलक

यह खामेनेई की पहली सार्वजनिक उपस्थिति है जब से 13 जून को इजरायल के साथ संघर्ष शुरू हुआ था। प्रारंभिक हवाई हमलों के दौरान उन्होंने किसी भी सार्वजनिक सभा में भाग नहीं लिया और केवल रिकॉर्डेड संदेशों के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित किया।


उनकी अनुपस्थिति को लेकर ईरान में और बाहर कई अटकलें लगाई गईं। कई रिपोर्टों में कहा गया कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें एक सुरक्षित स्थान पर रखा गया था।


सुरक्षा कारणों से खामेनेई की अनुपस्थिति

ईरानी अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि खामेनेई की अनुपस्थिति सुरक्षा प्रोटोकॉल का हिस्सा थी। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय तनाव और इजरायल के लगातार हमलों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया था।


इस दौरान खामेनेई ने कई धार्मिक अवसरों पर रिकॉर्डेड स्पीच प्रसारित की, जिसमें उन्होंने ईरान की ताकत और प्रतिरोध की भावना को दोहराया।


क्षेत्रीय अस्थिरता का संकट

ईरान और इजरायल के बीच चल रहा संघर्ष केवल सैन्य स्तर पर नहीं है, बल्कि इससे पूरे क्षेत्र में अस्थिरता का माहौल बन गया है। दोनों पक्षों ने प्रतिशोध और चेतावनी के बयान जारी किए हैं। हालांकि, खामेनेई की यह सार्वजनिक उपस्थिति ईरान की ओर से एक "साहसिक संकेत" के रूप में देखी जा रही है।