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ईरान के सुप्रीम लीडर खामनेई का अमेरिका और इजरायल के खिलाफ बयान

ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई ने अमेरिका और इजरायल के खिलाफ एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने मुस्लिम देशों से एकजुट होने की अपील की है। यह बयान हाल ही में इजरायल द्वारा कतर और यमन पर किए गए हवाई हमलों के संदर्भ में आया है। खामनेई ने अमेरिका को भरोसेमंद नहीं बताया और कहा कि मुस्लिम राष्ट्रों को साम्राज्यवादी ताकतों के खिलाफ मजबूती से खड़ा होना चाहिए। इस बयान से क्षेत्र में तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
 

खामनेई का बयान

तेहरान: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने अमेरिका और इजरायल के खिलाफ एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया है। उन्होंने सभी मुस्लिम देशों से एकजुट होकर खड़े होने की अपील की है। यह बयान तब आया है जब इजरायल ने हाल ही में कतर की राजधानी दोहा और यमन की राजधानी सना पर बड़े हवाई हमले किए हैं।


खामनेई का संदेश: खामनेई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "क्षेत्रीय सरकारों को यह समझना चाहिए कि अमेरिका भरोसेमंद नहीं है और वह केवल मुस्लिम राष्ट्रों को ज़ायोनिस्ट शासन को बनाए रखने और अपने साम्राज्यवादी हितों को साधने के उपकरण के रूप में देखता है।"



उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका मुस्लिम देशों की संपत्ति और सैन्य ताकत का उपयोग अपने स्वार्थ के लिए करता है। खामनेई के अनुसार, "क्षेत्र की समस्याओं का समाधान तभी संभव है जब मुस्लिम राष्ट्र एकजुट हों और साम्राज्यवादी ताकतों के खिलाफ मजबूती से खड़े हों।" इससे पहले अमेरिका और इजरायल ने मिलकर तेहरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया था। अमेरिका ने इस हमले में बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया, जो 200 फीट तक गहराई में जाकर ठिकानों को तबाह करने में सक्षम हैं।


इजरायल ने दो दिन पहले कतर की राजधानी दोहा में एक बड़ा हवाई हमला किया था। इजरायल का दावा था कि उसने हमास के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाया। बताया गया कि हमास के कई नेता वहां बैठक कर रहे थे। हमले में हमास के पांच सदस्य मारे गए, हालांकि मुख्य नेता सुरक्षित बताए जा रहे हैं। खामनेई के बयान से क्षेत्र में तनाव और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। अब यह देखना होगा कि मुस्लिम देशों की प्रतिक्रिया क्या होती है और क्या वाकई कोई साझा मोर्चा बन पाता है या नहीं।