ईरान ने अमेरिका के दोहरे मापदंडों को उजागर किया
ईरान का खुलासा
हाल ही में एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है, जो न केवल कूटनीतिक है बल्कि एक ऐसे सच से भी जुड़ी है जिसे अमेरिका छुपाने की कोशिश कर रहा है। ईरान ने भारत में अपनी एंबेसी के झंडे के साथ खुलकर यह बात सबके सामने रखी। दिल्ली में ईरान के राजदूत इलाही ने जो बातें कहीं, वे वाशिंगटन में हलचल मचाने के लिए काफी थीं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अमेरिका भारत पर आरोप लगाता है कि वह यूक्रेन युद्ध में रूस को वित्तीय सहायता दे रहा है, जबकि खुद अमेरिका अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय द्वारा दोषी ठहराए गए युद्ध अपराधियों को व्हाइट हाउस बुलाता है और इजरायल को हथियार देकर गाजा में हो रहे नरसंहार में शामिल होता है। इस प्रकार, ईरान ने अमेरिका के दोहरे मापदंडों को उजागर किया है, जो उसकी नैतिकता और अंतरराष्ट्रीय छवि पर सवाल उठाता है।
ट्रंप पर ईरान का हमला
ईरान के राजदूत ने डोनाल्ड ट्रंप, जो अब 'पीस मेकर' के नाम से जाने जाते हैं, को भी नहीं बख्शा। उन्होंने अमेरिका की नीतियों की आलोचना करते हुए एक पोस्ट साझा किया, जिसमें कहा गया कि अमेरिका भारत पर यूक्रेन युद्ध में संदिग्ध फंडिंग का आरोप लगाता है, जबकि वह खुद युद्ध अपराधियों का स्वागत करता है और इजरायल को गाजा में नरसंहार के लिए हथियार प्रदान करता है। यह अमेरिका के दोहरे मापदंडों की चरम सीमा है।
पुतिन और ट्रंप की बैठक
15 अगस्त को रूस और अमेरिका के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है, जिसमें पुतिन और ट्रंप अलास्का में मिलेंगे। यह स्थान इसलिए चुना गया है क्योंकि यह अमेरिका में है, लेकिन रूस के काफी करीब भी है। इसके अलावा, अलास्का का चयन इसलिए भी किया गया है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यदि पुतिन को इन 124 देशों में से किसी भी देश में पकड़ा जाता है, तो उसे तुरंत नीदरलैंड में स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के मुख्यालय में भेजा जाना आवश्यक है।
अमेरिका का दोहरा रवैया
यह सोचने वाली बात है कि एक ओर अमेरिका भारत पर आरोप लगाता है कि उसने रूस से तेल खरीदा, जिससे यूक्रेन युद्ध को वित्तीय सहायता मिली, जबकि दूसरी ओर वह इजरायल को हथियार सप्लाई कर रहा है, जबकि गाजा में निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं। यह वही अमेरिका है जिसने अपने दुश्मनों के लिए एक सेट ऑफ नियम बनाए हैं और अपने दोस्तों के लिए अलग।