ईरान ने फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन से अपने राजदूतों को वापस बुलाया: क्या है इसके पीछे का कारण?
ईरान का राजदूतों को वापस बुलाने का निर्णय
ईरान ने राजदूतों को वापस बुलाया: शनिवार को ईरान ने फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन से अपने राजदूतों को वापस बुलाने का निर्णय लिया। यह कदम इन देशों द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 2015 के परमाणु समझौते (JCPOA) के तहत पुराने प्रतिबंधों को फिर से लागू करने के प्रयास के जवाब में उठाया गया है। ईरानी विदेश मंत्रालय ने इसे यूरोपीय देशों की 'गैर-जिम्मेदाराना' नीति के रूप में वर्णित किया है।
2015 का JCPOA समझौता
JCPOA (Joint Comprehensive Plan of Action) समझौता 2015 में ई3 (जर्मनी, फ्रांस और यूके), अमेरिका, चीन, रूस और ईरान के बीच हुआ था, जिसका उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को शांतिपूर्ण बनाना था। इसके तहत ईरान ने अपने यूरेनियम संवर्धन को सीमित करने और अंतरराष्ट्रीय निरीक्षण को अनुमति देने का वादा किया था।
'स्नैपबैक' तंत्र और नए प्रतिबंधों का खतरा
28 अगस्त को ई3 देशों ने सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2231 के तहत 'स्नैपबैक' तंत्र को सक्रिय किया, जिसके तहत 28 सितंबर से पुराने प्रतिबंध फिर से लागू हो सकते हैं। इस निर्णय ने वैश्विक कूटनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, क्योंकि यह ईरान के साथ किए गए समझौते की शर्तों के उल्लंघन की ओर इशारा करता है।
रूस और चीन का समर्थन, अमेरिका-UK का विरोध
इस स्थिति में रूस और चीन ने प्रतिबंधों के नवीनीकरण पर चिंता व्यक्त की और प्रस्ताव को खारिज किए जाने पर खेद जताया। वहीं अमेरिका और यूके ने इसे आवश्यक कदम करार दिया। अमेरिका पहले ही 2018 में JCPOA से एकतरफा बाहर निकल चुका है और ईरान पर कठोर प्रतिबंध लागू कर चुका है।
IAEA और ईरान के बीच बढ़ा तनाव
ईरान ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) पर पक्षपात के आरोप लगाए हैं और निरीक्षण प्रक्रिया में सहयोग बंद कर दिया है। ईरान का कहना है कि अमेरिकी और इजरायली हमलों के बाद, उसकी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं हैं, जिसके कारण वह निरीक्षकों पर भरोसा नहीं कर पा रहा है।
ईरान की चेतावनी, वैश्विक व्यवस्था पर खतरा
ईरान के उप विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि यह एक खतरनाक मिसाल बनेगी और इससे वैश्विक कूटनीतिक व्यवस्था पर लोगों का विश्वास कम होगा। उन्होंने पश्चिमी देशों से आग्रह किया कि वे इस तरह की 'अवैध और एकतरफा कार्रवाइयों' से बाज़ आएं।
ईरान ने JCPOA के उल्लंघन के विरोध में फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है। इन देशों ने पुराने प्रतिबंधों को फिर से लागू करने की कोशिश की, जिसे ईरान ने वैश्विक व्यवस्था के लिए खतरनाक बताया। रूस और चीन ने इसका विरोध किया, जबकि अमेरिका और यूके ने समर्थन किया। ईरान ने IAEA पर पक्षपात के आरोप लगाए और निरीक्षण सहयोग बंद कर दिया।