ईरान पर अमेरिका के हवाई हमलों से वैश्विक तनाव बढ़ा
ईरान पर अमेरिका के हमले का वैश्विक प्रभाव
ईरान-अमेरिका संघर्ष: हाल ही में अमेरिका द्वारा ईरान पर किए गए हवाई हमलों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हलचल मचा दी है। इन हमलों का मुख्य लक्ष्य ईरान के प्रमुख परमाणु स्थलों को निशाना बनाना था, जिससे न केवल सैन्य बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी प्रतिक्रियाएँ आई हैं।
चीन, संयुक्त राष्ट्र, हमास, जापान और न्यूजीलैंड जैसे देशों ने इस कार्रवाई की निंदा की है, यह चेतावनी देते हुए कि यह कदम वैश्विक विनाश की ओर ले जा सकता है। अमेरिका के इस एकतरफा कदम पर ईरान ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जबकि ट्रंप की आलोचना उनके अपने देश में भी शुरू हो गई है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
ईरान की कड़ी प्रतिक्रिया
ईरान ने इन हमलों को 'घृणित और आपराधिक' करार दिया है। विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा, 'इसका परिणाम दूरगामी होगा। हम आत्मरक्षा के लिए सभी विकल्पों को खुला रखेंगे।'
चीन की चेतावनी
चीन के सरकारी मीडिया CGTN ने अमेरिका के कदम को 'खतरनाक मोड़' बताया और चेतावनी दी कि 2003 में इराक में हुई गलती को दोहराने से बचना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव की चिंता
एंटोनियो गुटेरेस ने अमेरिकी कार्रवाई पर चिंता व्यक्त की और कहा कि यदि संघर्ष बढ़ता है, तो इसके परिणाम 'विनाशकारी' हो सकते हैं। उन्होंने बातचीत के माध्यम से समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया।
इजराइल का समर्थन
इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने ट्रंप के निर्णय की सराहना की और कहा, 'यह हमला इतिहास को बदल देगा। अमेरिका ने ईरान की परमाणु क्षमता को समाप्त कर दिया है।'
हमास का बयान
हमास ने इसे 'संप्रभुता पर हमला' बताते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए एक सीधा खतरा है।
अमेरिका में विरोध
डेमोक्रेट नेता हकीम जेफ्रीज़ ने ट्रंप पर आरोप लगाया कि उन्होंने बिना कांग्रेस की अनुमति के हमला कर देश को खतरे में डाला।
दुनिया की अपील: शांति और कूटनीति
न्यूजीलैंड: “अब सबसे गंभीर संकट है, हल सिर्फ शांति से निकलेगा।”
जापान: कैबिनेट में इमरजेंसी बैठक बुलाकर रणनीति पर चर्चा की गई।
दक्षिण कोरिया: सैन्य और आर्थिक प्रभाव पर आपात बैठक आयोजित की गई।
ऑस्ट्रेलिया: दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ा है, हम केवल कूटनीति की बात करेंगे।
अमेरिका के हमले ने एक नए वैश्विक संकट की शुरुआत की है। जबकि ट्रंप इसे 'सफल ऑपरेशन' मानते हैं, वहीं पूरी दुनिया इस 'सफलता' की कीमत को लेकर चिंतित है। अब यह देखना है कि क्या बातचीत से समाधान निकलता है या टकराव और बढ़ता है।