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ईरान पर इजरायल का हवाई हमला: क्या है SPND का महत्व?

इजरायल ने ईरान के SPND मुख्यालय पर एक बड़ा हवाई हमला किया है, जो ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम का केंद्र माना जाता है। इस हमले में 60 से अधिक फाइटर जेट्स और 120 बमों का उपयोग किया गया। ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, और ईरानी अधिकारियों के अनुसार, अब तक इजरायली हमलों में 639 लोग मारे जा चुके हैं। जानें इस हमले का महत्व और वैश्विक प्रतिक्रिया के बारे में।
 

इजरायल का बड़ा हवाई हमला

Israel strikes Iran: ईरान और इजरायल के बीच तनाव अब अपने चरम पर पहुँच चुका है। इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने शुक्रवार की रात को एक व्यापक हवाई हमले का संचालन किया, जिसमें ईरान के कई महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस हमले का मुख्य लक्ष्य तेहरान में स्थित ऑर्गनाइजेशन ऑफ डिफेंसिव इनोवेशन एंड रिसर्च (SPND) था, जिसे ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम का केंद्र माना जाता है।


हमले की विस्तृत जानकारी

IDF के अनुसार, यह अभियान अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई थी, जिसमें 60 से अधिक फाइटर जेट्स और लगभग 120 बमों का उपयोग किया गया। इजरायली वायुसेना ने देशभर में फैले कई सामरिक ठिकानों पर हमले किए, जिनमें मिसाइल निर्माण इकाइयां और रॉकेट इंजन निर्माण के लिए आवश्यक कच्चे माल के संयंत्र शामिल थे।



SPND मुख्यालय पर हमला

इस अभियान में विशेष रूप से तेहरान में स्थित SPND मुख्यालय को निशाना बनाया गया। IDF ने पुष्टि की कि यह हमला सफल रहा। उन्होंने अपने बयान में कहा, "IDF की ईरानी शासन के परमाणु हथियार कार्यक्रम को नुकसान पहुंचाने की गतिविधियों के तहत, तेहरान में स्थित SPND मुख्यालय को निशाना बनाकर हमला किया गया।"


SPND का महत्व

SPND ईरान की सैन्य संरचना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे 2011 में वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह द्वारा स्थापित किया गया था। उन्हें ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम का जनक माना जाता है। यह संस्थान इजरायल के लिए तेहरान के परमाणु मंसूबों का केंद्र रहा है।


IDF ने यह भी बताया कि, "एक ऐसे संयंत्र पर भी हमला किया गया जहाँ ईरानी शासन के परमाणु हथियार कार्यक्रम के लिए आवश्यक एक महत्वपूर्ण घटक तैयार किया जाता है।" हालांकि, इस स्थान के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी गई।


ईरान-इजरायल संघर्ष में बढ़ता तनाव

यह हमला उस समय हुआ है जब ईरान और इजरायल के बीच युद्ध की स्थिति दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर चुकी है। पिछले शुक्रवार को इजरायल ने पहली बार हवाई हमले शुरू किए थे और स्पष्ट किया था कि वह ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकना चाहता है।


ईरान ने मिसाइल और ड्रोन हमलों के माध्यम से जवाबी कार्रवाई की है और दावा किया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण है।


वैश्विक प्रतिक्रिया और अमेरिकी रुख

यूरोपीय राजनयिक लगातार तेहरान से बातचीत की मेज पर लौटने की अपील कर रहे हैं। इस बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका इस संघर्ष में शामिल होगा या नहीं, इसका निर्णय अगले दो हफ्तों में लिया जाएगा।


ईरानी अधिकारियों के अनुसार, अब तक इजरायली हमलों में 639 लोग मारे जा चुके हैं। यह आंकड़ा स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है और आने वाले दिनों में संघर्ष और भी बढ़ सकता है।